उत्तर प्रदेश

यूपी : गोरखपुर में कारनामा ट्रैफिक पुलिस का, सिर पर हेलमेट फिर भी कर दिया चालान

Tara Tandi
11 Sep 2023 8:02 AM GMT
यूपी : गोरखपुर में कारनामा ट्रैफिक पुलिस का, सिर पर हेलमेट फिर भी कर दिया चालान
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गोरखपुर में यातायात नियमों का पालन वैसे तो खुद की जिंदगी के लिए जरूरी होता है, लेकिन अब फर्जी चालान की वजह से आम लोगों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है। आलम यह है कि सिर पर हेलमेट होने के बाद भी चालान कटने का संदेश आ रहा है तो कई ऐसे पीड़ित हैं, जिनकी गाड़ियों के नंबर का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और चालान, वाहन स्वामी के पास पहुंच जा रहा है।
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हैरत की बात तो यह कि जिसके पास बिना हेलमेट का चालान पहुंच रहा है, उसके ऊपर ही फोटो में वह हेलमेट लगाए साफ नजर भी आ रहा है। अब यातायात पुलिस यह दलील देती है कि ऐसे चालान की शिकायत का निपटारा कर दिया जाता है, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, शहर को हाईटेक बनाने के साथ ही चौराहों पर ऑनलाइन चालान की व्यवस्था की गई है। दूसरे, हर चौराहे पर यातायात पुलिस भी चालान काटती है। इसके पीछे की सोच तो यही है कि नियमों का पालन हो, ताकि जिंदगी को बचाया जा सके। लेकिन अब यातायात पुलिस मनमानी करने लगी है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
सिर पर हेलमेट होने के बाद भी एक हजार रुपये के चालान का संदेश लोगों को बेचैन कर देता है। फिर वह यातायात पुलिस की गलती से कटे चालान को खत्म कराने के लिए दौड़ते हैं। यातायात कार्यालय पर प्रार्थनापत्र देकर जांच के बाद ऐसे चालान माफ तो कर दिए जाते हैं, लेकिन इसके लिए आप को दौड़ना भी पड़ेगा। जिस चालान में फोटो है तो फिर भी आसान है, अगर किसी चालान में फोटो लोड नहीं किया गया तो फिर साबित कर पाना ही मुश्किल हो जाता है। इस तरह के मामले अब तेजी से सामने आ रहे हैं।
केस एक
असुरन के पास रहने वाले दिलीप पांडेय का तीन महीने पहले बिना हेलमेट का चालान कट गया। संदेश आने पर वह आश्चर्य में पड़ गए। क्योंकि वह रोजाना हेलमेट लगाते हैं। चालान का फोटो सामने आया तो उसमें वह साफ-साफ हेलमेट लगाए दिख रहे थे। फिर वह यातायात कार्यालय गए और उनका चालान माफ किया गया।
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केस दो
रुस्तमपुर निवासी उमाशंकर के मोबाइल फोन पर 16 मई को चालान कटने का संदेश आया। उन्होंने जब चालान को डाउनलोड किया तो फोटो में हेलमेट लगाए नजर आ रहे थे। वह भी इसकी शिकायत लेकर ट्रैफिक कार्यालय गए थे, लेकिन कोई मिला नहीं। उमाशंकर बताते हैं कि उन्होंने लोक अदालत में इसे खत्म कराया।
केस तीन
कौड़ीराम निवासी गुड्डू मद्धेशिया ने अचानक तीन दिन पहले अपना मोबाइल फोन से चेक किया तो देखा 25 मार्च को असुरन में उनकी बाइक के नंबर प्लेट पर 5000 का चालान हो गया है जबकि बाइक पर नवंबर में ही एचएसआरपी नंबर प्लेट लग गया था। चालान पर लगी फोटो में एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं लगा हुआ है।
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फैक्ट फाइल (जनवरी से अगस्त तक हुए चालान)
हेलमेट: एक लाख 17 हजार 552
सीट बेल्ट: 3,536
मोबाइल से बात करने पर : 1011
नो पार्किंग : 39,121
एसपी ट्रैफिक श्यामदेव विंद ने कहा कि गलत चालान के मामले सामने आने पर जांच कर कार्रवाई की जाती है। गलत नंबर के चालान एक नंबर इधर उधर होने की वजह से हो जाते हैं। हेलमेट के चालान के मामले अगर आए हैं तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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