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उत्तर प्रदेश
यूपी : फसल की बर्बादी देख गई दो किसानों की जान, एक ने लगाया फंदा तो दूसरे को पड़ा अटैक
Tara Tandi
11 Sep 2023 11:57 AM GMT

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किसानों पर विपदा कम नहीं हो रही है। कभी किसान सूखे तो कभी अधिक बारिश से फसल बर्बाद होने के कारण अपनी जान दे रहे हैं। ललितपुर में पिछले तीन-चार दिनों से हो रही बारिश के कारण जनपद में उड़द की फसल बर्बाद होने की कगार पर आ गई। दो किसान यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके। इनमें से एक ने खेत पर फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। वहीं दूसरे ने जब खेतों में पानी भरा देखा तो वह परेशान हो गया। इसी सदमे में उसे हार्ट अटैक पड़ गया। परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इनके परिजनों का कहना है कि दोनों किसानों पर काफी कर्ज था।
थाना जखौरा के अंतर्गत ग्राम बिनैकामाफी निवासी काशीराम (45) पुत्र दलीप सिंह 2.50 एकड़ जमीन का काश्तकार था। वह खेती किसानी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। बड़े भाई दुर्ग सिंह ने बताया कि काशीराम ने खरीफ के सीजन में खेत में उड़द की फसल बोई थी। फसल पक कर तैयार हो गई थी। पूरी कटाई हो नहीं पाई थी कि बारिश होने से खेत में लगी और कटी उड़द की फसल सड़ गई। फलियों में अंकुर निकलने लगा। शनिवार की रात करीब 8 बजे काशीराम खेत पर गया था। वहां उसने फांसी लगा ली। रविवार की सुबह जब वह काफी देर तक घर नहीं आया तो परिजन खेत पर पहुंचे। वहां काशीराम फांसी के फंदे पर लटका मिला।
बड़े भाई ने बताया कि काशीराम पर केसीसी का ढाई लाख और बेटी की शादी के लिए साहूकारों से लिया गया ढाई लाख का कर्ज था। उसे लग रहा था कि उड़द की फसल खराब हो जाने से वह कर्ज नहीं चुका पाएगा। इसी चिंता के चलते काशीराम ने आत्महत्या कर ली।
मई में की थी बड़ी बेटी की शादी, दूसरी बेटी की शादी के लिए कर रहा था तैयारी
भाई दुर्ग सिंह ने बताया कि काशीराम के तीन पुत्रियां व एक पुत्र है। बड़ी पुत्री की शादी इसी वर्ष तीन मई को की थी। बड़ी बेटी की शादी करने के बाद दूसरी बेटी (18) की शादी के लिए वर खोज रहा था, वह बेटी की शादी की तैयारी कर रहा था। अगले वर्ष तक शादी करने की योजना काशीराम ने बनाई थी।
चौपट फसल देख किसान को आया हार्टअटैक, खेत पर ही मौत
कोतवाली महरौनी अंतर्गत ग्राम कुम्हैड़ी निवासी विनोद कुमार मिश्रा (59) शनिवार को खेत पर गए थे। यहां उनके खेत में खड़ी उड़द की फसल पानी में डूबी थी। फसल की स्थिति देख किसान को हार्टअटैक आ गया और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। परिवार वालों का कहना था कि उन पर कर्ज भी थी। सोचा था कि उड़द की फसल को बेचकर कर्ज चुका देंगे लेकिन बरसात ने सब तबाह कर दिया।
परिजनों के मुताबिक विनोद कुमार मिश्रा के नाम 6 एकड़ जमीन है। इसी जमीन पर खेती करके वह अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। उनको दो पुत्र थे जिनमें एक की दो वर्ष पूर्व कोरोना के कारण मृत्यु हो गई थी। बेटे की मौत के बाद से इनकी आर्थिक स्थिति और भी गड़बड़ा गई। किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज भी ले रखा था। इस कर्ज को चुकाने के लिए वह पिछले दो साल से प्रयास कर रहे थे लेकिन हर बार फसल खराब हो जाती थी। परिवार वालों ने बताया कि इस बार फसल अच्छी थी।
उम्मीद थी कि फसल बेचकर कर्ज चुका देंगे लेकिन बरसात ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। वह खेत पर फसल देखने गए और वहीं सदमे में हार्ट अटैक आ गया। परिवार वाले लेकर अस्पताल भी पहुंचे लेकिन उनकी पहले ही मौत हो चुकी थी। मृतक के छोटे पुत्र महेंद्र कुमार मिश्रा ने जिला प्रशासन एवं प्रदेश सरकार से मदद की अपील की है।
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