उत्तर प्रदेश

UP : अयोध्या समेत यूपी के कई शहरों में होगी पुजारियों की ट्रेनिंग

Jyoti Nirmalkar
11 Aug 2024 4:42 AM GMT
UP : अयोध्या समेत यूपी के कई शहरों में होगी पुजारियों की ट्रेनिंग
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उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh : यूपी में पुजारी शास्त्रों के साथ अंग्रेजी व कम्प्यूटर का ज्ञान भी लेंगे। अयोध्या समेत अन्य स्थानों में अलग-अलग स्थाई प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने की तैयारी की जा रही है। राम मंदिर के अलावा विदेश के मंदिरों में विशेषज्ञ पुजारियों की मांग बड़ी है। अयोध्या Sriram श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से जनवरी में शुरू की गयी छह मासिक पुजारी प्रशिक्षण योजना को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने विस्तार देने की तैयारी शुरू की है। इस योजना में
अयोध्या
समेत अन्य स्थानों में पुजारी स्थाई प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया जाएगा। इस केंद्र में प्रशिक्षुओं को वैष्णव परम्परा में पूजन की शास्त्रीय विधि एवं आवश्यक कर्मकांड के साथ अंग्रेजी भाषा व कम्प्यूटर का भी ज्ञानार्जन कराया जाएगा। प्रशिक्षुओं को वैदिक पूजन परम्परा का वैज्ञानिक महत्व भी समझाया जाएगा जिससे यहां प्रशिक्षित पुजारी/पुरोहितों को विशेषज्ञता हासिल हो सके और वह भारतीय ज्ञान परम्परा को देश-विदेश में समृद्ध कर सकें और युवा पीढ़ी में सनातन धर्म के प्रति जिज्ञासा जागृत कर सकें।
विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार Alok Kumar ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि यह कदम हिंदू समुदाय की चिंता पर उठाया जा रहा है क्योंकि विदेशों में मंदिरों में ऐसे पुजारी नहीं मिलते जो वेद-पुराण के विशेषज्ञ हों और वैष्णवाराधन की शास्त्रीय पद्धति के अच्छे जानकार हों। उन्होंने कहा कि भारत के बाहर भी हिंदू लगभग हर देश में रहते हैं और उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में मंदिर भी स्थापित किए हैं। फिर भी धार्मिक परम्पराओं के जानकार पुजारी की अनुपलब्धता से सम्बन्धित हिन्दू परिवारों के युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान समुचित ढंग से न होने के कारण उनमें जानकारी का अभाव रहता है। इसके कारण माता-पिता व अभिभावकों को भावी पीढ़ी को लेकर गहरी चिंता व्याप्त है। सबसे बड़ी दिक्कत पुजारियों को सम्बन्धित देश के श्रद्धालुओं की बोली जाने वाली भाषा का ज्ञान न होना भी है। यही कारण है कि एक ऐसे विशेष प्रशिक्षण केंद्र की जरूरत महसूस की जा रही है जो ऐसे पुजारियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा। इस प्रशिक्षण के माध्यम से पुजारी/पुरोहित युवा भक्तों के साथ घुल मिल सकेंगे और आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरीकों से उनकी शंकाओं का समाधान कर सकेंगे।
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