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उत्तर प्रदेश
परहंस आश्रम में गोली मारकर आत्महत्या करने वाले जीवन बाबा के संपर्कों की कुंडली खंगालेगी यूपी पुलिस, दो टीमें गठित
Renuka Sahu
30 July 2022 2:12 AM GMT
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फाइल फोटो
सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में एक साधु को गोली मारकर आत्हत्या करने वाले जीवन बाबा उर्फ जीत के संपर्कों की कुंडली खंगालने के लिए एसपी ने दो टीमें गठित कर दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में एक साधु को गोली मारकर आत्हत्या करने वाले जीवन बाबा उर्फ जीत के संपर्कों की कुंडली खंगालने के लिए एसपी ने दो टीमें गठित कर दी है। वहीं मृतक जीवन के पास मिले मोबाइल की जांच में सर्विलांस टीम भी जुट गई है। चुनार क्षेत्र के सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में गुरुवार सुबह 7.45 बजे आश्रम से निष्कासित साधु जीवन बाबा उर्फ जीत ने आशीष बाबा को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।
आश्रम में गोलीकांड की जांच शुरू हो गई है। एसपी संतोष कुमार मिश्र ने शुक्रवार को बताया कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी छितरी निवासी निष्कासित साधु जीवन बाबा उर्फ जीत बाबा के संपर्कों की जांच के लिए दो टीमों का गठन किया गया है। चुनार कोतवाल स्थानीय स्तर पर जीवन बाबा के संपर्कों की पड़ताल करेगी, वहीं स्वाट टीम को मध्य प्रदेश स्थित उसके पैतृक गांव पड़ताल करने जाएगी। एसपी ने बताया कि स्वाट टीम इस बात की जांच करेगी कि परमहंस आश्रम से निष्कासित होने के बाद जीवन चार माह तक कहां रहा और किन-किन लोगों के संपर्क में आया।
मोबाइल से खुलेगा राज
सीओ रामानन्द राय ने बताया कि चार माह बाद आम लोगों की तरह जीवन लोगों की तरह आश्रम में आया था। इसके पीछे क्या उद्देश्य था इसकी जांच के लिए जीवन के मोबाइल की जांच की जा रही है। जीवन बाबा के पास मिले मोबाइल को सर्विलांस पर लगा दिया गया है। सर्विलांस टीम मोबाइल में मौजूद नम्बरों की जांच करने में जुट गई है। आश्रम से निकाले जाने के बाद आश्रम के किन-किन लोगों से उसकी बात होती थी इसकी भी जांच हो रही है। वहीं निष्कासित होने के बाद उसके संपर्क किसी अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति से तो नहीं था,इसकी पड़ताल में शुक्रवार को पुलिस टीम लग गई है। सीओ ने बताया कि जीवन बाबा ने अकेले इतनी बड़ी वारदात को अंजा दिया या मास्टरमाइंड कोई और है, इस एंगल पर भी जांच हो रही है।
घर नहीं लौटा था जीवन
चुनार कोतवाल त्रिवेणीलाल सेन का कहना है कि जीवन बाबा के स्थानीय संबंधों की जांच शुरू हो गई है। स्थानीय स्तर पर किन-किन लोगों से उसके संपर्क थे और तमंचा कहां आया, इसकी भी पड़ताल की जा रही है। उन्होंने बताया कि जीवन बाबा उर्फ जीत के परिजनों का कहना है कि आश्रम से निकाले जाने के बाद वह घर नहीं लौटा था। चार माह में परिवार के लोगों से भी उसकी बात नहीं हुई। पुलिस ने गुरुवर को गोलीकांड की सूचना परिजनों को दी दी तब उन्हें जानकारी हुई।
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