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उत्तरप्रदेश: टेली-आईसीयू के जरिए अब अस्पतालों में भर्ती गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज दिया जाएगा और इसकी निगरानी जीएसवीएम करेगा. शासन ने कानपुर मेडिकल कॉलेज को मेंटर बनाकर यूपी के सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों को सलाह देने का जिम्मा सौंपा है. जीएसवीएम को इसके लिए 40 सिस्टम और हाई टेक कैमरे दिए गए हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में निर्देश दिए थे, कि जहां विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं पहुंच पा रहे, तो वहां टेली-मेडिसिन और टेली-आईसीयू के जरिए गंभीर मरीजों को बचाने की कोशिश की जाए, ताकि मरीजों को मौके पर ही अच्छा इलाज मिल सके.
पीजीआई जीएसवीएम के डॉक्टरों को मिला मौका
फैसले के तहत मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर दूसरे जिलों में खुले सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी की मॉनिटरिंग करेंगे. इसके साथ ही आईसीयू में भर्ती मरीजों के इलाज की गाइडलाइन भी तय करेंगे. टेली-आईसीयू 24 घंटे चलाने के लिए रोटेशन में विशेषज्ञों को जिम्मेदारी दी जाएगी. अभी तक यह जिम्मेदारी एसजीपीजीआई को दी गई थी, पर अब पीजीआई जीएसवीएम के डॉक्टरों को इसके संचालन की ट्रेनिंग देगा. ट्रेनिंग मिलने के बाद जीएसवीएम के डॉक्टरों के लिए टेली आईसीयू का अलग ब्लॉक बनाया जाएगा.
विशेषज्ञ निभाएंगे मेंटर की भूमिका
LLR अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर आरके सिंह ने बताया कि शासन ने टेली-आईसीयू के संचालन की जिम्मेदारी GSVM को सौंपी है. टेली आईसीयू का सिस्टम लगने के बाद जल्द ही ट्रेनिंग का काम शुरू होगा. उसके बाद यहां के विशेषज्ञ मेंटर की भूमिका निभाएंगे. मरीजों की हालत पर मंत्रणा के बाद इलाज की गाइडलाइन तय होगी.
Manish Sahu
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