उत्तर प्रदेश

यूपी सरकार देगी ग्रीन कॉरिडोर के लिए 25 करोड़, जल्द शुरू होगा निर्माण

Renuka Sahu
5 Jan 2022 1:47 AM GMT
यूपी सरकार देगी ग्रीन कॉरिडोर के लिए 25 करोड़, जल्द शुरू होगा निर्माण
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फाइल फोटो 

ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण के शुरुआती कामों के लिए अब राज्य सरकार पैसा देगी। इसके लिए एलडीए को 25 करोड़ मिलेंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण के शुरुआती कामों के लिए अब राज्य सरकार पैसा देगी। इसके लिए एलडीए को 25 करोड़ मिलेंगे। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई ग्रीन कॉरिडोर की बैठक में इस पर निर्णय हुआ। मुख्य सचिव ने वित्त सचिव से प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। ताकि ग्रीन कारिडोर का काम शीघ्र शुरू कराया जा सके।

ग्रीन कॉरिडोर परियोजना का नए मुख्य सचिव के समक्ष पहली बार प्रजेन्टेशन हुआ। टाटा कंसलटिंग इंजीनियरिंग तथा एलडीए के अधिकारियों ने इसका प्रेजेंटेशन किया। प्राधिकरण उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी तथा सचिव पवन कुमार गंगवार खुद मौजूद थे। अधिकारियों ने पूरे ग्रीन कारिडोर परियोजना के बारे में मुख्य सचिव को विस्तार से बताया। अभी तक बजट न होने की वजह से काम न शुरू होने की भी जानकारी दी गई। मुख्य सचिव ने समीक्षा के बाद वित्त सचिव को इसके शुरुआती कामों के लिए बजट का इंतजाम करने को कहा है। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, सचिव नगर विकास अनिल कुमार, मंडलायुक्त रंजन कुमार मौजूद रहे।
14 हेक्टेयर जमीन एलडीए को तत्काल स्थानांतरित करें
मुख्य सचिव ने ग्रीन कॉरिडोर के लिए 14 हेक्टेयर जमीन तत्काल एलडीए को हैंडओवर करने का निर्देश दिया है। माढ़रमऊ गांव में सिंचाई विभाग की दो हेक्टेयर जमीन रिक्त है। यहां सिंचाई विभाग ने वर्कशॉप बनाने की बात कही थी। मुख्य सचिव ने वर्कशॉप को कहीं और स्थानांतरित कर हैंडओवर करने का निर्देश दिया। इसी तरह ग्रीन कॉरिडोर के लिए नजूल की 12 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है।
अपट्रॉन की ढाई हेक्टेयर जमीन के परीक्षण के लिए कमेटी बनी
गोमती बैराज के पास अपट्रान बिल्डिंग की करीब ढाई हेक्टेयर जमीन है। इस जमीन को भी एलडीए को हैंडओवर किया जाना है। लेकिन इसका मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मुख्य सचिव ने इसके विधिक परीक्षण के लिए विशेष सचिव नगर विकास, नगर आयुक्त तथा एलडीए उपाध्यक्ष की सदस्यता में एक समिति गठित कर दी है। समिति परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देगी। जिसके आधार पर तय होगा कि यह जमीन एलडीए को मिल पाएगी या नहीं।
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