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उत्तर प्रदेश
यूपी सरकार ने की CBI जांच की संस्तुति, निदेशक व प्रभारी निलंबित
Admin4
7 Nov 2022 5:57 PM GMT

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लखनऊ। मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट परीक्षा दिये बगैर कई छात्रों के दाखिले आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथ कालेजों में कराने के मामले में राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुष विभाग में हुए भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के चुनावी दौरे से लौटने के बाद पूरे मामले पर आला अधिकारियों संग मंथन किया।
बैठक में ही गृह विभाग को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने आयुष शिक्षा निदेशालय के निदेशक डा. एसएन सिंह, प्रभारी अधिकारी आयुष निदेशालय डा. उमाकांत यादव को भी निलंबित कर दिया। साथ ही दो अन्य डाक्टरों यूनानी निदेशक डा. मोहम्मद वसीम और होम्योपैथिक निदेशालय के संयुक्त निदेशक प्रो. विजय पुष्कर के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सोमवार को गृह विभाग की ओर से सीबीआई जांच कराने की संस्तुति केंद्र सरकार को भेज दी गई है।
दरअसल, नीट 2021 में हुए फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद अब 2019 और 2020 में भी काउंसिलिंग को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। फर्जीवाड़े के आरोपी एजेंसी ने ही इन दो साल में काउंसिलिंग कराई थी। ऐसे में अब पहले के दाखिले भी संदेह के घेरें में हैं। इसी की जांच अब सीबीआई करेगी कि दाखिले का यह खेल कब से चल रहा है।
आशंका यह भी हैं कि आयुष कॉलेजों में दूसरे और तीसरे साल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के दाखिले में भी हेराफेरी हुई हैं। हालांकि अभी तक इस बाबत न तो विभागीय अफसर कुछ बोल रहे हैं और न ही जांच एजेंसी ही कुछ सामने लेकर आई हैं। एसटीएफ को भी अब तक ऐसे पर्याप्त सबूत हाथ नहीं लगे जिसे वह सीबीआई को आते ही सौंप सके।

Admin4
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