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ज्ञानवापी मस्जिद में मिले ढांचे की न्यायिक जांच का यूपी सरकार ने किया विरोध, अब HC ने खारिज की याचिका
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को एक जनहित याचिका खारिज कर दी जिसमें वाराणसी के ज्ञानवापी में हाल ही में मिले ढांचे की जांच उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराने का अनुरोध किया गया था। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने सुधीर सिंह और अन्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया। पीठ ने 10 जून को पहले ही क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के अभाव में जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए अनिच्छा व्यक्त की थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याची का मामला बनारस का है और वह लखनऊ पीठ के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। इस मामले में 10 जून को सुनवाई करने के उपरांत अदालत ने याचिका पर क्षेत्राधिकार के अभाव में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था।
विस्तृत आदेश बाद में जारी करने को कहा था। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दस जून को याचिका का विरोध करते हुए मुख्य स्थायी अधिवक्ता (प्रभारी) अभिनव नारायण त्रिवेदी ने कहा कि याचिका क्षेत्राधिकार के अभाव में पोषणीय नहीं है क्योंकि वाराणसी क्षेत्र लखनऊ खंडपीठ के बजाय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने इसपर भी जोर दिया कि चूंकि उच्चतम न्यायालय पहले ही इस मामले पर विचार कर रहा है, इसलिए यहां वही याचिका पेश नहीं की जा सकती। केंद्र सरकार और एएसआई के वकील एस.एम. रायकवार ने भी जनहित याचिका का विरोध किया।