उत्तर प्रदेश

यूपी की लड़की ने जमाई धाक, नौकरी छोड़ शुरू किया स्‍टार्टअप, अब सालाना टर्नओवर 40 लाख

Manish Sahu
27 Aug 2023 7:44 AM GMT
यूपी की लड़की ने जमाई धाक, नौकरी छोड़ शुरू किया स्‍टार्टअप, अब सालाना टर्नओवर 40 लाख
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उत्तरप्रदेश: अंग्रेजी कहावत ‘मनी गिव्स यू कॉन्फिडेंस’ यूपी के गाजियाबाद की प्राची भाटिया पर सटीक बैठती है. उन्‍होंने अपनी अच्छी नौकरी छोड़कर स्टार्टअप ‘चौखट ‘ की शुरुआत की. बेशक शुरुआत में उनका ये आइडिया सफल नहीं हुआ, लेकिन आज उनका लाखों रुपये का टर्नओवर है.
दरअसल प्राची भाटिया को बचपन से आर्ट एंड क्राफ्ट्स में दिलचस्पी थी. इस बीच ग्रेजुएशन पूरी होने से 6 महीने पहले ही उनको नौकरी मिल गई. हालांकि काम इतना ज्यादा था कि रात के 2 बजे तक भी जागना पड़ता था. इसके बाद दूसरी नौकरी बदली, लेकिन उसमें भी खुद के लिए संतुष्टि नहीं लगी. फिर तीसरी जॉब पकड़ी, लेकिन खराब वर्किंग कंडीशन के कारण तीसरे दिन ही रिजाइन दे दिया.
ऐसे हुई चौखट की शुरुआत
प्राची के मुताबिक, इसके बाद भविष्य की चिंता सताने लगी, लेकिन हिम्‍मत हारने के बजाय खुद को शांत रखने के लिए स्केच करना शुरू कर दिया. इस बीच कुछ नया शुरू करने का आइडिया आया. इसके बाद सितम्बर 2018 में चौखट की शुरुआत हुई. शुरुआत में केवल 10 प्रोडक्ट के साथ चौखट को बनाया गया. प्राची ने कहा, ‘इस बीच ये ख्याल भी बहुत बार आया कि जॉब दुबारा करूं और स्‍टार्टअप बंद कर दूं. फिर मैंने खुद को हिम्मत दी और अपनी खुद की चीयर लीडर बनी.’
महीने के एक ऑर्डर से लाखों के टर्नओवर तक
प्राची भाटिया ने बताया कि मैंने स्टार्टअप तो खोल लिया था, लेकिन कस्टमर नहीं थे. महीने में कभी एक तो कभी एक भी कस्टमर ऑर्डर नहीं कर रहा था. इसके बाद सोशल मीडिया का सहारा लिया. ये आइडिया लोगों को पसंद आया और धीरे-धीरे ऑर्डर बढ़ने लगे. आज महीने में 200 से ज्यादा ऑर्डर आते हैं और सालाना 20 से 40 लाख की कमाई हो जाती है.
प्राची भाटिया के मुताबिक, बाजार में घर को सजाने के लिए डिज़ाइनर होम डेकोर काफी महंगे मिलते हैं, जो कि मिडल क्लास फैमिली के बजट से बहार हो जाते हैं. ऐसे में चौखट की कोशिश ये है कि डिजाइन होम डेकोर के प्रोडक्ट को अफोर्डेबल बना कर लोगों तक पहुंचाना. खास बात ये है कि प्राची वन वुमैन आर्मी है. शुरू से ही कंपनी की सारी जिम्मेदारी उन्होंने अपने कंधे पर उठा रखी है. दरअसल वह सामान को पैक करना से लेकर वेबसाइट हैंडल करने तक का काम खुद करती हैं.
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