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उत्तर प्रदेश
UP: भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति, बढ़ा नदियों का जलस्तर
Sanjna Verma
7 July 2024 5:05 PM GMT
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UP उत्तरप्रदेश: उत्तर प्रदेश में मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने के बीच नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और Kushinagar, Balrampur and Sravasti जिलों के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। राज्य सरकार की ओर से रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों को राहत अभियान चलाकर सुरक्षित निकाला गया है। बयान के अनुसार श्रावस्ती जिले में बाढ़ में फंसे 11 और कुशीनगर जिले के 76 लोगों को बाहर निकाला गया है।
मुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुस्तैदी बढ़ाने के आदेश के बाद अधिकारियों ने राहत अभियान चलाकर लोगों की जान बचायी। श्रावस्ती जिले में 18 गांव के करीब 400 ग्रामीणों को बाढ़ को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया जबकि कुशीनगर में बचाव अभियान के दौरान फंसे हुए मवेशियों को भी सुरक्षित निकाला गया। योगी ने जिलाधिकारियों को 24 घंटे के भीतर क्षतिग्रस्त फसल की सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये और प्रशासन स्तर के अधिकारियों को सर्वेक्षण report मिलते ही मुआवजा प्रदान करने को कहा है। राहत आयुक्त जी एस नवीन ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय आपातकालीन अभियान केंद्र को श्रावस्ती के तहसील जमुनहा की ग्राम पंचायत गजोभरी के ग्राम मोहनपुर भरथा एवं केवटन पुरवा में नेपाल से अचानक छोड़े गए पानी में 11 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली, जिसमें तीन बच्चे, पांच महिलाएं और तीन पुरुष शामिल थे।
राहत आयुक्त ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय आपातकालीन अभियान केंद्र को नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद देवघाट बैराज से 5,71,850 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना मिलने पर कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को बड़ी गंडक में बाल्मीकि नगर बैराज द्वारा तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना पर तहसील खड्डा के गांवों के प्रभावित होने की तत्काल जानकारी दी गयी। इसके बाद प्रशासन ने तहसील खड्डा के प्रभावित 13 गांवों का निरीक्षण किया और राहत अभियान चलाकर कड़ी मशक्कत के बाद 76 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इस दौरान टीम ने 20 मवेशियों को भी सुरक्षित बचाया।
इसके पहले, राहत आयुक्त कार्यालय से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि कुशीनगर में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और खड्डा तहसील के 13 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ की वजह से जिले के Narayanpur के एक टापू पर 66 लोग फंस गए थे जिनमें से अब तक 62 लोगों को निकाला जा चुका है बाकी को निकालने का काम जारी है। राप्ती नदी श्रावस्ती में खतरे के निशान को पार कर गई है। यहां 18 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की एक और पीएसी की दो टीम तैनात हैं। जिले में 19 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और राप्ती बैराज पर लगातार निगरानी की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक श्रावस्ती जिले में शनिवार रात बाढ़ के पानी से घिरीं 12 श्रमिक महिलाओं और उनके बच्चों को बचाने के लिए अभियान चलाया गया और उन सभी को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। तड़के करीब तीन बजे यह अभियान संपन्न हुआ।
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