उत्तर प्रदेश

यूपी चुनाव 2022: करीब 150 सीटों पर भाजपा कोर कमेटी की मुहर, दूसरे चरण के 113 सीटों के नाम भी शामिल

Kunti Dhruw
12 Jan 2022 6:13 PM GMT
यूपी चुनाव 2022: करीब 150 सीटों पर भाजपा कोर कमेटी की मुहर, दूसरे चरण के 113 सीटों के नाम भी शामिल
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भाजपा की कोर कमेटी ने विधानसभा चुनाव में पहले और दूसरे चरण की 113 सीटों सहित करीब 150 से अधिक प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए है।

भाजपा की कोर कमेटी ने विधानसभा चुनाव में पहले और दूसरे चरण की 113 सीटों सहित करीब 150 से अधिक प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए है। कमेटी की ओर से तैयार पैनल पर बृहस्पतिवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मंथन किया जाएगा। नई दिल्ली में बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में आयोजित बैठक में पश्चिमी यूपी की 71 और ब्रज की 65 सीटों पर प्रत्याशी चयन पर मंथन किया गया। सूत्रों के मुताबिक पहले चरण की 58 और दूसरे चरण की 55 सीटों में से अधिकांश पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए गए हैं। कुछ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा सपा और रालोद के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद किया जाएगा।

इनके अतिरिक्त कुछ ऐसे नामों पर भी मुहर लगाई गई है, जिन्हें उनकी मौजूदा सीट से चुनाव लड़ाया ही जाना है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा विधायकों के सपा में जाने के बाद पार्टी के शीर्ष नेता अब मौजूदा विधायकों के ज्यादा टिकट काटने के पक्ष में नहीं है। उनका मानना है कि जिन सीटों पर मौजूदा विधायक को टिकट देने पर हार निश्चित है उन्हीं का टिकट काटा जाएगा। पहले और दूसरे चरण के प्रत्याशियों के नामों का पैनल बृहस्पतिवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष रखा जाएगा।
समिति में नामों पर चर्चा के बाद 14 या 15 जनवरी को होने वाली भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम मुहर लगाकर प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे। बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, महामंत्री संगठन सुनील बंसल शामिल हुए। जबकि भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह वर्चुअली शामिल हुए।
जाटों को पहले से ज्यादा मिल सकते हैं टिकट
विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में सपा और रालोद के गठबंधन की धार कुंद करने के लिए भाजपा जाट समाज के नेताओं को 2017 की तुलना में ज्यादा टिकट देगी। 2017 में पार्टी ने सरदार बलदेव सिंह औलख सहित 16 जाट उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से बागपत की छपरौली और संभल की असमौली सीट हारी थी। जबकि शेष 14 सीटों पर भाजपा जीती थी। 2018 में छपरौली से रालोद के एक मात्र विधायक सहेंद्र सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए थे। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने पिछली बार गुर्जर समाज को चार टिकट दिए थे। इस बार गुर्जर समाज को भी एक दो सीट ज्यादा मिल सकती है।
जाटव समाज को भी होगा लाभ
बसपा के जाटव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भाजपा जाटव समाज को पहले से अधिक सीटें दे सकती है। 2017 में भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 85 सीटों में से 20 सीटों पर जाटव समाज के लोगों को टिकट दिया था। यहां बता दें कि जाटव वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य को इस्तीफा दिलाकर उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। भाजपा ने अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में बेबीरानी की करीब 90 सभाएं और बैठकें भी कराई गई हैं।
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