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यूपी के सीएम योगी ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक समान कानून की

लखनऊ : विधान सभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर तंज किया। यह कहते हुए कि मुझे अच्छा लगा कि नेता विरोधी दल को अब जनसंख्या की चिंता सता रही है। उसी को नियंत्रित करने के लिए हम समान कानून (समान नागरिक संहिता) की बात कर रहे हैं। हैं। समाजवादियों में कुछ तो प्रगति हुई। प्रगति के बारे में सोचना अच्छी बात है। प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य संग्राम सिंह यादव ने बढ़ती बेरोजगारी के संदर्भ में इंटर कालेजों में रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को शामिल करने के बारे में सवाल किया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें जवाब दिया ही था कि तभी अखिलेश यादव ने बढ़ती जनसंख्या के संदर्भ में योगी से जानना चाहा कि प्रदेश में 15 वर्ष के बच्चों की संख्या कितनी बढ़ी है। इस पर योगी ने यह कटाक्ष किया। योगी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा अभी एक सदस्य ने बेसिक शिक्षा के विषय में एक प्रदेश, एक कोर्स और एक मूल्य को लेकर सवाल पूछा था। इसमें एक देश और एक कानून को भी जोड़ देते तो अच्छा होता। योगी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में उप्र में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक थी लेकिन आज यह घट कर तीन से चार प्रतिशत के बीच रह गई है। यह सुबूत है कि उप्र में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और लोगों को पारदर्शी तरीके से नौकरियां मिल रही हैं। कोई भी सरकारी भर्ती प्रक्रिया न्यायालय में लंबित नहीं है। न्यायालय को भी मालूम है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, शुचिता और ईमानदारी है। उत्तर प्रदेश के बारे में इसी धारणा के कारण ही यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से राज्य सरकार को 36 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिनके साकार होने पर एक करोड़ नए रोजगार उपलब्ध होंगे। नौजवानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए दो करोड़ युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।