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मेरठ: पिछले साल बोर्ड परीक्षा के दौरान पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षाओं की तैयारियां शुरु कर दी है। परिषद की ओर से शुचितापूर्ण परीक्षा के लिए लगातार दिशा निर्देश जारी किए जा रहे है और समीक्षा भी की जा रही है।
शासन की ओर से कहा गया है कि परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परीक्षा में अब केवल 18 दिन का ही समय बचा है। ऐसे में सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जाएगी। गौर करने वाली बात यह है कि इस बार छात्रों को सिली हुई कॉपियां दी जाएगी। इसके लिए बोर्ड स्तर पर तैयारी भी कर ली गई है।
बता दें कि प्रदेश सरकार बोर्ड परीक्षाओं में पूरी तरह नकेल कसने के लिए तैयार है। 16 फरवरी में शुरु हो रही बोर्ड परीक्षाओं को भी नकलविहीन कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा परिषद को हर जरुरी कदम उठाने के लिए कहा है। इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से परीक्षाओं के दौरान कक्ष निरीक्षकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें कक्ष निरीक्षकों के चयन से लेकर उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों और उत्तरदायित्वों का पूरा लेखा-जोखा दिया गया है।
इसमें कहा गया कि प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर 50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक बाहरी रखे जाएंगे। साथ ही जिस दिन जिस विषय की परीक्षा हो उस सत्र में उस विषय के अध्यापक की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक के रूप में नहीं लगाई जाएगी। यही नहीं, पुरुष कक्ष निरीक्षक द्वारा किसी भी बालिका परीक्षार्थी की तलाशी नहीं ली जाएगी और छात्रों की तरह कक्ष निरीक्षक भी परीक्षा के दौरान मोबाइल, कैलकुलेटर या ऐसे किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग नहीं कर सकेंगे।
वरीयता के अनुसार नियुक्त किए जाएंगे कक्ष निरीक्षक
परीक्षा के लिए प्रत्येक कक्ष में दो कक्ष निरीक्षक लगाए जाएंगे और पांच कक्षों के बीच एक अवमोचक की व्यवस्था रखी जाएगी। अगर एक क्लास 40 से ज्यादा छात्र परीक्षा दे रहे होंगे तो वहां तीन कक्ष निरीक्षक नियुक्त किए जा सकेंगे। केंद्र की आवश्यक्तानुसार कक्ष निरीक्षक उपलब्ध न होने पर वरीयता क्रम में पहले माध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों को नियुक्त किया जाए।
अंत में प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों को कक्ष निरीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाए। जिन परीक्षा केंद्रों पर बालिकाओं की परीक्षा होगी वहां पर महिला कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जाएगी। किसी भी अध्यापक को उसके निहित स्वार्थ के लिए उनके आवेदन के आधार पर किसी परीक्षा केंद्र विशेष पर नियुक्त नहीं किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि हर केंद्र पर 50 प्रतिशत बाहरी शिक्षक तैनात किए जाएंगे ताकि नकल की संभावना न रह सकें।