उत्तर प्रदेश

U.P. Art interest course started in State Museum

Shantanu Roy
8 Dec 2022 12:05 PM GMT
U.P. Art interest course started in State Museum
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लखनऊ। हमें अपने अंदर कलात्मक अभिरूचि की वृद्धि करने के लिए प्रकृति की सुंदरता का बोध जागृत करना होगा। कला के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने के लिए घुमक्कड़ी प्रवृत्ति का होना आवश्वक है। यह बातें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक डॉ. राकेश तिवारी ने कही। वह उ.प्र. राज्य संग्रहालय में आज यानि बुधवार से शुरू हुए कला अभिरूचि पाठ्यक्रम कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शाामिल हुए। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष प्रो. पीयूष भार्गव व ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रो. रमानाथ मिश्र भी कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए। इससे पहले उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। संग्रहालय की सहायक निदेशक डॉ. मीनाक्षी खेमका ने पुष्पगुच्छ देकर अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम की रूपरेखा बताई।
विशिष्ट अतिथि प्रो. पीयूष भार्गव ने कहा कि कला एवं इतिहास ऐेसे विषय हैं कि जिन्हें गहराई से जानने के लिए इनका व्यवहारिक अध्ययन अति आवश्यक है। इसके लिए संग्रहालय उपयुक्त स्थल है। उन्होंने कहा कि कला वास्तव में सम्प्रेषण का विषय है। सम्प्रेषण अपनाए गए कला के माध्यम अलग-अलग हो सकते है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. रमानाथ मिश्र ने कहा कि यह कार्यक्रम इतिहास एवं संस्कृति की जानकारी आम जनमानस तक सुगमता पूर्वक पहुचाने का उचित माध्यम है। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति बहुत ही प्राचीन है। इसके अलावा उन्होंने इतिहास के बारे में अन्य रोचक जानकारियां भी दी। कार्यक्रम के अंत में संग्रहालय के निदेशक डॉ. आनंद कुमार सिंह ने आए अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि 10 दिवसीय कार्यक्रम मेें सभी प्रतिभागियों को कला के प्रति अभिरूचि उत्पन्न होगी। इस अवसर पर संग्रहालय के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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