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लखनऊ। देश में कोरोना के नए वेरिएंट (BF.7) को लेकर हुए अलर्ट के बाद उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने भी लोगों को कोरोना से बचाने की तैयारी शुरू कर दी है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण को गंभीरता से लेते हुए मास्क पहनने पर जोर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना से बचाव करने के संबंध में जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए।
इसी के बाद गुरुवार की देर रात सूबे की कोविड एडवाइजरी कमेटी ने बिना पैनिक किए अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने संबंधी निर्देश जारी किया। इन निर्देशों के तहत यूपी में कोरोना की जांच का दायरा बढ़ाते हुए सिनेमाहाल, माल और बाज़ारों में मास्क पहनने को अनिवार्य करने करने के आदेश जारी कर दिया गया। इसी क्रम में शुक्रवार को कोविड प्रोटोकॉल के तहत पुलिसकर्मियों को मास्क पहनने का आदेश दिया गया है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने बचे हुए लोगों के टीकाकरण और स्वास्थ्य कर्मियों को बूस्टर डोज लगाने पर फोकस करने का निर्देश भी दिया है और राज्य के हर जिले में सिनेमहाल, माल और दुकानों के प्रवेशद्वार पर फिर से सेनेटाइज़र को रखने की सलाह दी गई है। कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक कर मेडिकल कॉलेजों में कोविड मरीजों के लिए वार्ड आरक्षित करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों से लेकर सभी भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोगों को मास्क लगाना जरूरी करने को कहा है। उन्होंने प्रयागराज में माघ मेले के व्यवस्थित आयोजन के लिए अंतर विभागीय समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश भी दिए और कहा कि कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, साधु-संतों, को पूर्व में मिलने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कोरोना की जांच का दायरा भी बढ़ाने का आदेश दिया है। अभी राज्य में औसतन 20 से 25 हजार जांचें रोज की जा रही हैं, इसे बढ़ाया जाएगा। जिनोम सीक्वेंसिंग का सिलसिला जो बंद हो गया था उसे तुरंत शुरू करने को कहा गया है। कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री की सक्रियता को देखते हुए ही गुरुवार को कोविड एडवाइजरी कमेटी की बैठक एसजीपीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान की अध्यक्षता में हुई।
इस बैठक में कोविड-19 के नए वेरिएंट बीएफ.7 से बचाव, उसके उपचार और प्रबंधन को लेकर विचार विमर्श की बाद कोविड से बचाव के दिशा-निर्देश तैयार किए गए। जिन्हें देर रात चिकित्सा शिक्षा विभाग की विशेष सचिव दुर्गा शक्ति नागपाल ने जारी किया। इन निर्देशों में बेसहारा, निराश्रित और कमजोर वर्ग के असुरक्षित लोगों को बढ़ती ठंड और शीतलहर से बचाने के साथ कोरोना से बचाने के लिए कोरोना गाइडलाइन के अनुसार रैन बसेरों का संचालन करने को भी कहा गया है।
कोविड से बचाव को लेकर जारी दिशा निर्देश :
1- कोरोना के नए वेरिएंट से पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि पूर्ण सजगता और तत्परता बरती जाए।
2- अस्पतालों से लेकर सभी भीड़-भाड़ ( माल, सिनेमाघर, बाजार, बस और रेलवे स्टेशन) वाले स्थानों पर लोगों को मास्क लगाना जरूरी किया जाए।
3- कोरोना की जाँच प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए।
4 - सभी प्रधानाचार्य और निर्देशक यह सुनिश्चित करेंगे कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ, मरीज व तीमारदार के लिए पूर्व की तरह कोविड प्रोटोकॉल लागू हो।
5- कोविड संक्रमित मरीजों के लिए आवश्यकता के अनुसार कोविड वार्ड आरक्षित किए जाएं।
6 - जिन स्थायी और आउटसोर्सिंग हेल्थ वर्कर को वैक्सीनेशन की बूस्टर डोज नहीं लगी है, उनका वैक्सीनेशन कराया जाए।
7 - 60 वर्ष से अधिक एवं को-मार्वाइड मरीजों का विशेष ध्यान दिया जाए।
8- वेंटिलेटर की क्रियाशीलता चेक की जाए।
9 - जिला अस्पताल से उच्चीकृत किये गये मेडिकल कॉलेजों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल अधिसूचित किये जाने हेतु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित किया जाए।
10- विदेश से आने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखा जाए और उनकी जांच की जाए।
11 - साफ सफाई की व्यवस्था को चुस्त किया जाए।
12- कोरोना प्रोटोकॉल के साथ रैन बसेरे संचालित किए जाएं।
न्यूज़ क्रेडिट :- लोकमत टाइम्स
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}