उत्तर प्रदेश

विश्‍वविद्यालयों को लौटानी होगी कोरोना काल की हॉस्‍टल और मेस फीस, लाखों छात्रों को UGC से मिली बड़ी राहत

Renuka Sahu
4 Aug 2022 1:30 AM GMT
Universities will have to return hostel and mess fees of Corona period, lakhs of students got big relief from UGC
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फाइल फूट 

विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग के इस फैसले से देश भर के लाखों छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी) के इस फैसले से देश भर के लाखों छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली है। यूजीसी ने देश भर के विश्‍वविद्यालयों को कोरोना काल में ली गई हॉस्‍टल और मेस फीस लौटाने का आदेश दिया है। इस आदेश के मुताबि‍क मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के बाद देशभर में लॉकडाउन और बाद में महीनों बंद रहे शैक्षिक संस्थान छात्र-छात्राओं से हॉस्टल और मेस फीस नहीं ले सकते।

यदि छात्र अगली कक्षाओं में ही विवि अध्ययनरत हैं तो यह फीस समायोजित करनी होगी। सेक्रेटरी रजनीश जैन ने विवि से आदेशों को लागू करने को कहा है। इस निर्णय से देशभर में लाखों छात्र-छात्राओं को बड़ा फायदा होगा।
31 अक्तूबर तक प्रवेश निरस्त तो पूरी फीस वापस
कोरोना काल के बाद से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे परिजनों को यूजीसी ने सत्र 2022-23 में भी बड़ी राहत दी है। प्रस्तावित नए सत्र के लिए यदि कोई छात्र प्रवेश लेने के बाद 31 अक्तूबर 2022 तक अपना प्रवेश निरस्त कराता है तो शैक्षिक संस्थानों को छात्र की पूरी फीस वापस करनी होगी। 31 अक्तूबर तक संस्थान कोई भी शुल्क छात्रों से नहीं वसूलेंगे।
इसके बाद 31 दिसंबर 2022 तक प्रवेश निरस्त कराने की स्थिति में शैक्षिक संस्थान अधिकतम एक हजार रुपये ही काट सकेंगे। बाकी समस्त फीस छात्रों को वापस करनी होगी। यूजीसी के अनुसार 31 अक्तूबर के बाद और 31 दिसंबर तक प्रवेश निरस्त की स्थिति में प्रोसेसिंग फीस एक हजार रुपये से अधिक नहीं होगी।
हॉस्टल थे बंद, छात्रों से ली गई फीस
लॉकडाउन के बाद देशभर में शैक्षिक संस्थान लंबे समय तक बंद रहे थे। 2021 के आखिरी महीनों में धीरे-धीरे ऑफ कैंपस गतिविधियां शुरू हुईं। लेकिन हॉस्टल बहुत देर बाद खोले गए। विवि एवं कॉलेज पहले ही हॉस्टल एवं मैस फीस ले लेते हैं, लेकिन इनके बंद होने के बावजूद यह फीस ना तो वापस की गई और ना ही समायोजित। छात्र और परिजन इसके लिए लगातार यूजीसी पहुंच रहे हैं।
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