उत्तर प्रदेश

अलग सजा: आरटीआई का नहीं दिया जवाब, अधिकारी को अब करना होगा ये काम, पढ़े पूरा मामला

jantaserishta.com
27 April 2022 12:06 PM GMT
Unique punishment: RTI did not answer, the officer will now have to do this work
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फाइल फोटो 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आरटीआई का जवाब देने में देरी करने पर एक पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर को अजीबो गरीब सजा सुनाई. सरकार ने पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर को सांकेतिक सजा के तौर पर गाजीपुर स्कूल में बच्चों को मिड डे मील का खाना खिलाने का आदेश दिया है.

दरअसल, भूपेंद्र कुमार पांडे ने 2016 में RTI दाखिल कर गाजीपुर जिले के नूनरा गांव में विकास कार्य की जानकारी मांगी थी. लेकिन गांव के पीआईओ और ग्राम विकास अधिकारी चंद्रिका प्रसाद ने तय समय में आरटीआई का जवाब नहीं दिया.
वहीं, जब यह मामला इंफॉर्मेशन कमिश्नर अजय कुमार के पास पहुंची तो उन्होंने गांव के चंद्रिका प्रसाद को 29 अप्रैल को गाजियाबाद प्राइमरी स्कूल में बच्चों को खाना खिलाने का आदेश दिया. इतना ही नहीं इंफॉर्मेशन कमिश्नर ने प्रसाद को बच्चों को खाना खिलाते हुए वीडियो बनाने को कहा है. इसे प्रसाद को कमीशन के पास सब्मिट करना होगा. इतना ही नहीं अजय कुमार ने यह भी कहा है कि बच्चों के खाने पर 25,000 रुपए से ज्यादा खर्च नहीं होना चाहिए.
एजेंसी के मुताबिक, अजय कुमार उपरेटी ने बताया कि वैसे हम आरटीआई के जवाब में देरी करने पर 25000 रुपए का फाइन लगाते हैं. उन्होंने कहा, प्रसाद ने जानबूझकर जवाब में देरी नहीं की, ऐसे में उन्हें प्रतीकात्मक तौर पर सजा दी गई.
उन्होंने बताया कि इस मामले में असली दोषी ग्राम विकास अधिकारी और पीआईओ गोपाल सिंह हैं. उन पर आरटीआई एक्ट के तहत 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है. वहीं, अगर पीआईओ इस आदेश का पालन नहीं करते, तो कमीशन इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकता है.

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