उत्तर प्रदेश

लखीमपुर कांड में केंद्रीय मंत्री टेनी के बेटे आशीष है जेल में, लेकिन वहां भी रहते है बिजी, जानें कैसे?

jantaserishta.com
6 Dec 2021 3:57 AM GMT
लखीमपुर कांड में केंद्रीय मंत्री टेनी के बेटे आशीष है जेल में, लेकिन वहां भी रहते है बिजी, जानें कैसे?
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Lakhimpur Kheri Violence Updates: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को दो महीने बीत चुके हैं. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) मुख्य आरोपी हैं और फिलहाल जेल में हैं. हालांकि, जेल में भी उनका शेड्यूल काफी बिजी रहता है क्योंकि उनके रिश्तेदार अक्सर उनसे मिलने आते रहते हैं.

बेंगलुरु के एक्टिविस्ट टी. नरसिम्हा मूर्ति ने RTI लगाकर इस बात की जानकारी मांगी थी कि आशीष मिश्रा से जेल में कौन-कौन मिलने आता है. 17 नवंबर को इस आरटीआई का जवाब दिया गया.
आरटीआई में दिए गए जवाब के मुताबिक, 20 अक्टूबर को आशीष मिश्रा से उनके भाई अभिमन्यु और उनके साले संदीप मिलने आए थे. 29 अक्टूबर को अभिमन्यु फिर से मिलने आए और इस बार उनके साथ एक और रिश्तेदार अभिनव थे. 30 अक्टूबर को उनके पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा उनसे मिलने पहुंचे.
3 नवंबर को फिर से उनके भाई अभिमन्यू और अंचल (रिश्तेदार) उनसे मिलने जेल गए. अंचल 7 नवंबर को अश्वनी मिश्रा (रिश्तेदार) के साथ फिर से आशीष मिश्रा से मिलने पहुंचे. 14 नवंबर को उनके भतीजे सरवन शुक्ला और मनोज शुक्ला उनसे मिलने गए.
लखीमपुर खील जिला जेल के सुपरिंटेंडेंट वीपी सिंह ने आजतक को बताया कि जेल में बंद कैदियों से उनके रिश्तेदार हफ्ते में दो बार मिल सकते हैं. इसके लिए उन्हें कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट देना जरूरी है. उन्होंने बताया कि पहले कैदियों से उनके रिश्तेदार रोज मिल सकते थे, लेकिन कोरोना के कारण इसे हफ्ते में दो बार कर दिया गया है.
क्या हुआ था लखीमपुर में?
3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हिंसा भड़क गई थी. जिस थार जीप के ड्राइवर का फोन बरामद हुआ है, वो जीप एक वीडियो में प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलते हुए दिखाई दी थी. इस हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. किसानों को कुचलने के आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर लगे, जिसके चलते आशीष को गिरफ्तार किया गया और अभी वो जेल में है.
हिंसा में दलजीत सिंह (32), गुरविंदर सिंह (20), लवप्रीत सिंह (30) और नक्षत्र सिंह (65) की मौत हो गई थी. साथ ही तीन बीजेपी कार्यकर्ता हरिओम (35), श्याम सुंदर (40) और शुभम मिश्रा (30) और एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप (28) की भी मौत हो गई थी.


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