उत्तर प्रदेश

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने बाढ़ ग्रस्त गांवों का किया दौरा

Shreya
18 July 2023 4:04 AM GMT
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने बाढ़ ग्रस्त गांवों का किया दौरा
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मोरना। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान व जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने सोमवार को सोलानी नदी खादर क्षेत्र के बाढ ग़्रस्त गांव मजलिसपुर तौफीर में पहुंचकर लोगों का दुख-दर्द जाना। गत तीन दिनों से जलस्तर घटने से खादर क्षेत्र में ग्रामीणों को बाढ से कुछ राहत मिली है। फिलहाल रास्तों पर पानी कम हो जाने से आवागमन शुरू हो गया है लेकिन बाढ के बाद ग्रामीणों की समस्याएं कम नहीं हुई हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने अधिकारियों से बाढ की स्थिति व किसानों को हुए नुकसान का जायजा लिया। मोरना ब्लॉक क्षेत्र में आई बाढ के चलते गांव मजलिसपुर तौफीर, महाराजनगर, खैरनगर, सिताबपुरी में खेतों व घरों में पानी घुस आया था, जिसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है।

छठे दिन सोलानी नदी के पार मजलिसपुर तौफीर, लक्सर मार्ग व दूर-दूर तक जंगल में पांच फुट पानी का जलस्तर कम होने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वहीं बाढ के बाद की स्थिति और भयावह हो चली है। गांव में अभी विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही है तथा पेयजल की समस्या भी बनी हुई है। लोगों के सामने खाने व पशुओं के चारे की समस्या बरकरार है। ग्रामीण भैसा व बैल बुग्गी से बाढ़ के पानी से गुजरकर भोकरहेडी के खोले के जंगल से चारा लेकर आ रहे हैं। सोलानी नदी के पुल पर आश्रय स्थल में बाढग़्रस्त चारों गांवों के लोग अपने पशुओं के साथ डेरा डाले हैं।

सोमवार को केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान व जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल, भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री अमित राठी, जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन ठाकुर रामनाथ सिंह ट्रैक्टर ट्रालियों काफिले के साथ मजलिसपुर तौफीर में पहुंचे, जहां पर प्राथमिक विद्यालय में लोग इकट्ठा हुए तथा केन्द्रीय राज्यमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।

केन्द्रीय मंत्री ने ग्रामीणों की समस्याओं के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया। इस अवसर पर ब्रजवीर सिंह, रामकुमार शर्मा, डॉ. वीरपाल सहरावत, कैप्टन ज्ञानेन्द्र, यशपाल सिंह, मनोज कुमार, प्रदीप कुमार, योगेश प्रधान, राजीव चेयरमैन, योगेश गुर्जर, अरूण पाल, लोकेश, अश्वनी, पुनीत, प्रदीप निर्वाल, महेन्द्र चौहान आदि उपस्थित रहे।

खादर क्षेत्र में बाढ के कारण सोलानी नदी पुल प्रशासनिक अधिकारियों ने डेरा लगाया हुआ है, जहां उन्होंने बाढ के कारण ग्रामीणों व किसानों को हुए नुकसान का जायजा लिया तथा पानी घरों में घुसने के कारण आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी की। इस अवसर पर तहसीलदार संजय सिंह, नायब तहसीलदार जसविन्द्र सिंह, कानूनगो ओमप्रकाश चौहान, मुकेश शर्मा, लेखपाल अमित कुमार, अंकित कुमार, पिंटू, मनोज आदि उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लगाया कैम्प-मोरना प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह ने बताया कि खादर क्षेत्र में बाढ का पानी आ जाने से संक्रमण का खतरा बढ जाता है, जिसको मद्देनजर रखते हुए बाढ प्रभावित क्षेत्र के तीन गांव मजलिसपुर तौफीर, सिताबपुरी में कैम्प लगाए गये हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार गांव में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। अलग-अलग कैम्प में डॉ. नवनीत चौधरी, डॉ. नसीब आलम, डॉ. अतुल चौधरी, डॉ. अफसर अली व नरेन्द्र सिंह आदि चिकित्सा सेवाएं देने के लिए 24 घंटे कैम्प किये हुए हैं। वहीं ग्रामीणों को बीमारी व संक्रमण से बचाने के लिए ब्लीचिंग के बैग, पीने के पानी के लिए क्लोरीन की गोलियां वितरित की।

बाढ प्रभावित गांवों का दौरा करने पहुंचे डॉ. संजीव बालियान के सामने ग्रामीणों ने सात सूत्रीय मांग करते हुए बताया कि सभी ग्रामीणों की फसल का पूरा मुआवजा, किसानों का बिजली का पूरा बिल माफ, जिन ग्रामीणों के मकान गिर गये हैं, उन्हें सरकार मुआवजा दे या पक्का मकान बनवाए, प्रत्येक 6 माह के बाद ग्राम पंचायत में जिलाधिकारी का दौरा, किसानों का चीनी मिल से सट्टा बॉन्ड बंद नहीं होना चाहिए, गांव मजलिसपुर तौफीर के प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर डॉक्टर की तैनाती, भूमिहीन मजदूरों को जीवनयापन करने के लिए सरकार द्वारा मुआवजे की व्यवस्था करने मांग की गई।

केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि बाढ के सम्बंध में मुख्यमंत्री से समय लिया है। वह लखनऊ जा रहे हैं। हर हाल में मदद होगी। उन्होंने तहसीलदार संजय कुमार व नायब तहसीलदार जसविंदर सिंह को तत्काल नुकसान के सर्वे जीपीएस के द्वारा कराने के आदेश दिए ताकि शासन से शीघ्र मुआवजा मिल सके।

ग्रामीणों ने अधिकारियों पर लगाया भूसा न देने का आरोप-बाढ से जूझ रहे ग्रामीणों के सामने पशुओं के चारे की विकट समस्या खडी हो गई है। निर्मला, गुड्डू, तारावती, बबीता, अंजो, पुन्नू, बिट्टू, संजय, राज्जो आदि महिलाओं ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि बाढ का पानी आने के बाद सिर्फ एक दिन चार किलो प्रति पशु के हिसाब से भूसा दिया गया था, किन्तु अब भूसे की गाडी कैम्प में आती है और ग्रामीणों को बिना भूसा दिए ही वापिस लौट जाती है।

पशुपालन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों से हस्ताक्षर कराकर ले जाते हैं कि आपको भूसा मिलेगा, लेकिन भूसा नहीं दिया जाता है, जिस कारण पशुओं के लिए चारे का भारी संकट पैदा हो गया है।

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