उत्तर प्रदेश

यूनियन बैंक लॉकर चोरी के पीड़ितों को 95 लाख देगा

Admin Delhi 1
31 Dec 2022 1:55 PM GMT
यूनियन बैंक लॉकर चोरी के पीड़ितों को 95 लाख देगा
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कानपूर न्यूज़: यूनियन बैंक के 32 लॉकरों में चोरी के शिकार ग्राहकों को साढ़े चार साल बाद इंसाफ मिला. राज्य उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग ने ऐतिहासिक फैसले में बैंक के नौ लॉकर धारकों को दस-दस लाख रुपये मुआवजा और 50-50 हजार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए हैं. एक महीने के अंदर रकम न देने पर 9 फीसदी ब्याज भी बैंक को देना होगा. पिछले साल सेंट्रल बैंक के लॉकरों से भी चोरी हो गई थी, जिसके एवज में बैंक ने पहली बार अपनी गलती मानी और सभी पीड़ितों को उनके दावों के अनुसार रकम का भुगतान अपने पास से किया था.

यूनियन बैंक की पशुपति नगर शाखा में 17 फरवरी 2018 की रात चोरों ने दीवार तोड़कर सेंध लगा दी थी. चोर न केवल बैंक के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान लॉकर रूम तक पहुंच गए थे बल्कि गैस कटर से 32 लॉकरों को काट भी दिया था. इन लॉकरों से करीब 13 किलो सोना और 100 किलो चांदी चोरी हुई थी. नौबस्ता थाने में चोरी की एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने इस मामले में 13 में से 11 को आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था. उनके पास से 4.158 किलो सोना और 18 किलो चांदी बरामद की गई थी.

ट्रिब्यूनल ने दिया आदेश, बैंक को ही बताया जिम्मेदार: ट्रिब्यूनल के फैसले की जानकारी देते हुए पीड़ित लॉकरधारक सुशील शुक्ला ने बताया कि सभी लॉकरधारक जिला फोरम में गए थे. जहां जानकारी दी गई कि 20 लाख से ऊपर के दावों का निस्तारण राज्य आयोग में किया जाएगा. इसलिए नौ लॉकरधारकों ने राज्य ट्रिब्यूनल में बैंक के खिलाफ वाद दायर किया था. उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से बीच में सुनवाई बाधित रही. इसके बावजूद अदालत ने बेहद त्वरित गति से सुनवाई करते हुए फैसला दिया. ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में बैंक को सेवा में लापरवाही और सुरक्षा में कमी का दोषी पाया. अदालत ने कहा कि लॉकर में रखा सामान अघोषित था लेकिन बैंक अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता. चूंकि जांच में सुरक्षा संबंधी गंभीर चूक सामने आई है लिहाजा बैंक को पीड़ित लॉकरधारकों को 10-10 लाख मुआवजा, 50-50 हजार रुपये क्षतिपूर्ति के अदा करने होंगे. ये धनराशि सुशील, अखिलेश शिवहरे, अनुपम द्विवेदी, कांति, उमाकांत अवस्थी, नीरू सिंह, एकता शुक्ला, पीएन श्रीवास्तव और शैलेश पांडेय को दी जाएगी.

बैंक शाखा में मिली सुरक्षा में लापरवाही:

अदालती आदेश में पुलिस रिपोर्ट का जिक्र किया गया है जिसमें बैंक शाखा में सुरक्षा संबंधी तमाम खामियां पाई गईं. बैंक शाखा से सटे प्लॉट से लगी दीवार केवल नौ फुट लंबी और पांच इंच मोटी थी. पहली मंजिल पर कोचिंग सेंटर था. कोई भी आसानी से बैंक आ जा सकता था. सिक्योरिटी गार्ड नदारद थे सीसीटीवी भी बेतरतीब थे.

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