उत्तर प्रदेश

योजना के तहत गांवों में निर्माणाधीन 19 खेल मैदान मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित होंगे

Harrison
26 Sep 2023 10:18 AM GMT
योजना के तहत गांवों में निर्माणाधीन 19 खेल मैदान मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित होंगे
x
उत्तरप्रदेश | महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत गांवों में निर्माणाधीन 19 खेल मैदान मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित होंगे. इनमें ग्रामीण खिलाड़ियों के लिए बेहतर संसाधन मुहैया कराए जाएंगे. जिनकी सहायता से अभ्यास करके वह खुद को निखारकर जनपद, प्रदेश व देश का रोशन कर सकेंगे.
बुंदेलखंड स्थित अतिपिछड़े जनपद ललितपुर में खेल प्रतिभाएं तो बहुत हैं लेकिन संसाधनों की कमी के चलते उनको निखरने का अवसर नहीं मिलता है. इस जिले में गांव तो छोड़िए शहर तक में एक अदद ऐसा स्पोर्स्ट्स स्टेडियम नहीं है जहां खिलाड़ी अभ्यास कर सकें. इसको ध्यान में रखते हुए मनरेगा से गांवों में खेल मैदान विकसित करने के निर्देश शासन ने जारी किए. जिसमें चहारदीवारी, रनिंग ट्रैक, वालीबाल, बैडमिन्टन कोर्ट व शौचालय की सुविधाएं विकसित करने को कहा गया है. इन दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए मनरेगा के अन्तर्गत विकास खंड बार में दो, बिरधा में दो, मड़ावरा में दो, महरौनी में दो, जखौरा में पांच व तालबेहट में छह और जनपद में कुल उन्नीस खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं.
बीते दिनों जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी जखौरा ब्लाक में विकसित की जा रही खेल सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली और इस खेल मैदान के पास ही मनरेगा पार्क विकसित करने के निर्देश दिए.
‘जनभागीदारी से कर सकते आपदा प्रबंधन’
विकास खंड मड़ावरा सभागार में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ‘वज्रपात सुरक्षा जागरूकता’ कार्यक्रम आयोजित किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी चन्द्रभूषण प्रताप ने कहा कि जनभागीदारी से आपदा का प्रबंधन किया जा सकता है.
वहीं उपजिलाधिकारी न्यायिक राघवेन्द्र सिंह ने कहा आपदाओं से बचाव के संबंध में प्रशिक्षण बेहद कारगर साबित होगा.
तहसीलदार नरेश चन्द्र ने अपने संबोधन में कहा की हम सभी वज्रपात सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं. प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक सुरेश पाण्डेय ने आपदा प्रबंधन की अवधारणा, आपदा प्रबंधन का संस्थागत ढांचा, राष्ट्रीय राज्य व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की आपदा प्रबंधन व जोखिम न्यूनीकरण में भूमिका के बारे में जानकारी दी गई. वज्रपात के कारण, लक्षण, रोकधाम, पूर्व चेतावनी व संचार व्यवस्था के बारे विस्तार से बताया गया. साथ ही प्रारंभिक चेतावनी प्रसार के संबंध में दामिनी व सचेत एप की महत्ता भी बतायी गयी. सभी प्रतिभागियों के मोबाइल फोन में यह एप डाऊनलोड कराया गया और इसके संचालन के तरीके की जानकारी दी गयी. यह एप आकाशीय बिजली के बारे में हमको 7, 14 और 21 मिनट पूर्व लाल, पीले और नीले रंग के माध्यम से 20 व 40 किलोमीटर क्षेत्र की सूचना उपलब्ध कराता है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित जिला आपदा विशेषज्ञ आरती सिंह ने सभी का आह्वान किया किया कि मिलकर जनजागरुकता के मध्यम से इस क्षेत्र में वज्रपात से होने वाली जनहानी को कम करने में अपना योगदान दें.
Next Story