उत्तर प्रदेश

आरटीई के तहत प्री प्राइमरी में केवल एक वर्ष फीस का प्रावधान, छात्रों के सामने संकट खड़ा हुआ

Admindelhi1
26 April 2024 8:48 AM GMT
आरटीई के तहत प्री प्राइमरी में केवल एक वर्ष फीस का प्रावधान, छात्रों के सामने संकट खड़ा हुआ
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शासनादेश के चलते छात्रों-अभिभावकों को कहीं से भी राहत नहीं मिल रही है

बस्ती: आरटीई के तहत शासन प्री-प्राइमरी कक्षाओं में सिर्फ एक वर्ष की ही फीस देता है. इससे छात्रों के सामने संकट खड़ा हो गया है. अगली कक्षा में आने पर स्कूल इन छात्रों से फीस मांग रहे हैं. अभिभावक निशुल्क प्रवेश के चलते फीस देने से इंकार कर रहे हैं. इससे लगातार विवाद हो रहे हैं. शासनादेश के चलते छात्रों-अभिभावकों को कहीं से भी राहत नहीं मिल रही है.

आरटीई के तहत बड़ी संख्या में छात्र प्री-प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश लेते हैं. पहले वर्ष किसी भी तरह की समस्या नहीं आती है. स्कूलों को शासन से फीस मिल जाती है. समस्या तब आई जब विभाग ने स्कूलों को दूसरे वर्ष इन छात्रों की फीस ही नहीं भेजी. स्कूलों ने जब विभाग में जानकारी ली तब पता चला कि शासनादेश में प्री प्राइमरी को सिर्फ एक कक्षा माना गया है. शासन कक्षा एक से पहले सिर्फ एक और वर्ष की फीस भेज रहा है. जबकि, लगभग सभी स्कूल प्री प्राइमरी कक्षाओं के नाम पर प्री नर्सरी, नर्सरी और केजी की कक्षाओं का तीन वर्ष तक संचालन करते हैं. स्कूलों को जब शासन से फीस मिलने की उम्मीद टूट गई तब उन्होंने अभिभावकों से फीस मांगनी शुरू कर दी. अभिभावकों ने निशुल्क प्रवेश के चलते फीस देने से इंकार किया तो विवाद शुरू हो गया. कुछ स्कूलों ने नाम काटने की धमकी तक दे डाली.

प्री प्राइमरी में केवल एक वर्ष फीस का प्रावधान: जिला समन्वयक आशीष कुमार ने बताया कि शासनादेश के मुताबिक कक्षा एक से पूर्व स्कूलों को सिर्फ एक वर्ष की शुल्क प्रतिपूर्ति का प्रावधान है. यदि कोई छात्र कक्षा प्रीएनसी, एनसी और केजी की पढ़ाई करता है तो उसके प्रवेश के प्रथम वर्ष की ही फीस शासन से आएगी. उसके बाद सीधे कक्षा एक से फीस आना शुरू होगी.

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