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आरडीएसएस के तहत जर्जर तार व एबीसी के खेल में और झेलनी पड़ेगी कटौती
गोरखपुर: आरडीएसएस (रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत जर्जर तार बदलने की बात कहकर बिजली कटौती का खेल अभी छह महीने से अधिक समय तक चल सकता है. शहर से लेकर गांव तक में अब तक आरडीएसएस के तहत केवल 50 फीसदी काम ही पूरे हुए हैं. जबकि, इस साल अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य है. शहरी के साथ ग्रामीण इलाकों में सुबह से लेकर शाम तक बिजली कटौती से लोगों का बुरा हाल है.
यह स्थिति तब है जब अभी गर्मी की शुरुआत है. प्रचंड गर्मी का तेवर मई और जून में लोगों को दिखेगा. बिजली निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि अगर जर्जर तार और एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) नहीं बदला गया तो अघोषित बिजली कटौती लोगों को ज्यादा रुलाएगी. ऐसी स्थिति में सूचना देकर तार और एबीसी लगाए जा रहे हैं. ऐसे में कुछ इलाकों में कम से पांच से छह घंटे की कटौती करनी पड़ रही है.
दूर होगी लाइन लॉस की समस्या मंडल में 372 करोड़ रुपये से तार बदलने का काम चल रहा है. इसके साथ ही एरियल बंच कंडक्टर भी लगाया जा रहा है. निगम का मानना है कि इसके लग जाने से कोई कटिया कनेक्शन नहीं लगा पाएगा और लाइन लॉस की सबसे बड़ी समस्या दूर हो जाएगी.
आरडीएस स्कीम के तहत अब तक केवल 50 फीसदी काम पूरे हुए हैं. इस साल काम पूरा हो जाएगा. कार्यदाई संस्था और अभियंताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि काम शुरू होने से पहले उपभोक्ताओं को कटौती की सूचना जरूर दें.
- आशु कलिया, चीफ, गोरखपुर जोन
शहर में बढ़ती जा रही है लाइन लॉस की समस्या
शहर में लाइन लॉस की समस्या बढ़ती जा रही है. लालडिग्गी और नॉर्मल इलाके में आरडीएसएस के तहत तार तो बदले गए लेकिन यहां अभी भी करीब फीसदी और सर्किट हाउस क्षेत्र में और लोहिया सब स्टेशन में 50 फीसदी से ज्यादा लाइन लॉस है. ग्रामीण क्षेत्रों का हाल और भी खराब है.