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यूजीसी ने सीसीएसयू को दी स्वायत्तता, खुल सकेंगे ऑफ कैंपस
गाजियाबाद: 1965 में स्थापित और मेरठ मंडल में उच्च शिक्षा के मुख्य केंद्र चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय को यूजीसी ने ऑटोनॉमी (स्वायत्तता) दे दी है. राज्य विश्वविद्यालय होने के नाते विवि को श्रेणी-1 में यह स्वायत्ता मिली है. इस ऑटोनॉमी के बाद मेरठ मंडल के सभी जिलों में विश्वविद्यालय अपने ऑफ कैंपस शुरू करते हुए छात्रों को शिक्षा प्रदान कर सकेगा.
नए कोर्स शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय को यूजीसी या राज्य सरकार के अनुमोदन की जरुरत नहीं होगी. उक्त ऑटोनॉमी से विश्वविद्यालय ऑनलाइन दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) और ऑनलाइन लर्निंग (ओएल) मोड में शिक्षा देने को स्वतंत्र होगा. कौशल विकास के सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा प्रोग्राम शुरू करने की भी विश्वविद्यालय को आजादी होगी.
हालांकि विश्वविद्यालय इन प्रोग्राम के लिए राज्य सरकार से अनुदान नहीं मांग सकेगा, यानी विवि को आय के स्रोत खुद विकसित करते हुए आगे बढ़ना होगा. इससे विश्वविद्यालय अपने कोर्स की फीस ढांचे को संशोधित भी कर सकता है.
सीसीएसयू अब यह कर सकेगा:
● यूजीसी के बिना अनुमोदन के वर्तमान शैक्षिक ढांचे में विवि नए कोर्स, प्रोग्राम, विभाग, स्कूल, या केंद्र स्थापित कर सकेगा.
● विवि अपने परिक्षेत्र में ऑफ कैंपस स्थापित कर सकेगा. इसके लिए विवि को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी.
● विश्वविद्यालय कौशल विकास के कोर्स शुरू कर सकेगा. विश्वविद्यालय रिसर्च पार्क, इन्क्यूबेशन सेंटर, विश्वविद्यालय -समाज संबद्ध केंद्र शुरू करे सकेगा. इसमें निजी क्षेत्र की मदद ली जा सकेगी.
● विश्वविद्यालय दुनिया की टॉप-500 विश्वविद्यालयों की फैकल्टी को अपने यहां पढ़ाई के लिए नियुक्त कर सकता है. विवि को कांन्ट्रेक्ट आधार पर इनकी नियुक्ति की छूट मिलेगी.
● विश्वविद्यालय अपनी क्षमता के 20 फीसदी सीटों पर विदेशी विद्यार्थियों का प्रवेश कर सकेगा. विवि इसके लिए फीस तय करने को स्वतंत्र होगा.