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- सहारनपुर के निर्दोषों...
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले की पुलिस ने शनिवार को ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो मोटी रकम के बदले फर्जी मेडिकल सार्टिफिकेट बना कर निर्दोष लोगों को संगीन मामलों में फंसाने का काम करता था।
पुलिस अधीक्षक नगर अभिमन्यु मांगलिक ने पत्रकारों को बताया कि जिले में पिछले तीन वर्षों से एक ऐसा गिरोह काम कर रहा है जिसमें वकील और चिकित्सक मिलकर मुकदमों में संगीन धाराएं बढ़वाने अथवा झूठे मामलों का फर्जी मेडिकल बनाकर देने के काम में लगे हुए हैं।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एसएसपी विपिन टाडा ने तीन जनवरी को जनकपुरी क्षेत्र में गांव सड़क दूधली निवासी महिला फरियाल ने थाना चिलकाना क्षेत्र के निवासी अपने पति शहनवाज और सास-ससुर के खिलाफ उसके मायके दूधली आकर उसके ऊपर एसिड से हमला करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। डा टाडा को इस मामले में कुछ शक हुआ तो उन्होंने थाना जनकपुरी के कार्यवाहक एसएचओ सनुज यादव और एसओजी टीम को लगाया।
श्री मांगलिक ने बताया कि पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि शिकायतकर्त्ता महिला और उसके परिजनों ने वकील तौसीफ, उसके मुंशी मशरूर एवं बिचैलिए फर्जंद अली की सहायता से उस दिन जिला अस्पताल की इमरजेंसी में उपस्थित मेडिकल आफीसर डा. बीडी शर्मा से एसिड अटैक का फर्जी मेडिकल तैयार कराकर उसका इस्तेमाल अपने विरोधी पक्ष के लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने में किया।
पुलिस ने जांचोपरांत फर्जंद अली नामक आरोपी को कोतवाली देहात से आज गिरफ्तार कर लिया। फर्जंद अली ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह तीन-साढ़े तीन वर्षों से फर्जी मेडीकल तैयार कराने के धंधे में लगा हुआ है जिसमें जिला अस्पताल के चिकित्सक शामिल हैं जो मोटी रकम लेकर फर्जी मेडीकल तैयार करके देते रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक फर्जी मेडिकल तैयार होने में 50 से 60 हजार रूपए की रकम लगती है जिसे वे झूठा मुकदमा लिखवाने वाले से वसूलते हैं। अभी तक 40 फर्जी मेडिकल बनवाए जाने की बात सामने आई है। पुलिस इस मामले में अन्य आरोपियों जिनके नाम सामने आए हैं को भी गिरफ्तार करेगी।
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