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सामूहिक दुष्कर्म व आत्महत्या को उकसाने में दो को 20 साल कैद
अलीगढ़ न्यूज़: जवां क्षेत्र में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म और उसे आत्महत्या को उकसाने के मामले में दो लोगों को 20-20 वर्ष कारावास की सजा एडीजे (पॉक्सो एक्ट) प्रथम की अदालत से सुनाई गई. दोनों पर 32-32 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि की पूरी रकम पीड़िता के पिता को देने के आदेश हुए हैं.
विशेष लोक अभियोजक ललित सिंह पुंढीर के अनुसार जवां क्षेत्र के एक गांव के व्यक्ति ने अपनी बेटी के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आरोप था कि 8 सितंबर 2019 को रात नौ बजे उनकी 15 वर्षीय बेटी शौच को गई थी. वह काफी समय बाद वहां से बदहवास होकर लौटी. पूछने पर उसने कुछ नहीं बताया. इसके बाद 10 सितंबर को बेटी ने खुद पर मिट्टी का तेल उड़ेला और आग लगा ली. घायल अवस्था में बेटी ने बताया था कि उसके साथ गांव के सोनू व ललित ने दुष्कर्म किया था. शिकायत पर जान से मारने की धमकी दी. जेएन मेडिकल कालेज में किशोरी की मौत हो गई थी. कोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट के आधार पर मामले की सुनवाई की. सोनू व ललित को साक्ष्यों के आधार पर दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है.
तीन साल पहले लोधा इलाके की किशोरी से हुई दुष्कर्म की घिनौनी वारदात में आरोपी को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई. एडीजे विशेष पॉक्सो-तृतीय वीरेंद्र नाथ पांडेय की अदालत ने कैद सहित 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना राशि पीड़िता को देने के आदेश हुए हैं.
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी संजय शर्मा व लव बंसल ने बताया कि लोधा इलाके के एक व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें घटना 11 मार्च 2020 की दर्शायी गई. आरोप लगाया कि उनकी 16 साल की बेटी शौच को गई थी. तभी गांव के ही मेनपाल ने उसे दबोच लिया और दुष्कर्म किया. पहले तो बेटी को शिकायत पर जान से मारने की धमकी दी. बाद में पैसों का लालच दिया. इस दौरान बेटी के शोर मचाने पर बेटा भी वहां पहुंच गया. बेटे और बेटी को धमकी देते हुए आरोपी मौके से भाग गया. पुलिस ने किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराया, विधि विज्ञान प्रयोगशाला से भी दुष्कर्म की पुष्टि हुई. आरोपी के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की. कोर्ट में ट्रायल के दौराव बचाव पक्ष ने किशोरी की उम्र पर सवाल खड़ा किया व रंजिशन मुकदमा लिखवाने का आरोप लगाया. मगर साक्ष्यों व गवाही के आधार पर न्यायालय ने बचाव पक्ष की दलील खारिज की. किशोरी को इंसाफ देते हुए मेनपाल को दोषी करार दिया और बीस वर्ष कैद व बीस हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है.