उत्तर प्रदेश

अवैध एक्सचेंज से देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहे गैंग के दो गुर्गे गिरफ्तार, यूपी ATS को बड़ी सफलता

Admin4
16 July 2022 4:47 PM GMT
अवैध एक्सचेंज से देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहे गैंग के दो गुर्गे गिरफ्तार, यूपी ATS को बड़ी सफलता
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अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में यूपी एटीएस को बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में यूपी एटीएस ने दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों युवक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित कर राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने के साथ-साथ देश को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले गैंग के बताए जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कॉल्स लोकल में परिवर्तित करने वाला यह गैंग शनिवार लखनऊ में इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा क्षेत्र के पास जानकीपुरम स्थित मकान से पकड़ा गया। यूपी के डीजीपी को गैंग के बारे खुफिया इनपुट हिमाचल प्रदेश के पुलिस प्रमुख से मिला था।

दोनों अभियुक्त मोहम्मद जाबिर, अब्दुल शाहनवाज लखनऊ कमिश्नरेट के मदेयगंज के रहने वाले हैं। दोनों की उम्र करीब 30 वर्ष है। इनसे अवैध एक्सचेंज में इस्तेमाल फर्जी नाम, पते पर लिए 96 प्री-एक्टिवेटेड सिम, 87 अन्य सिम, मॉडम-राऊटर, मोबाइल, टैबलेट आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं। दोनों पर विकास नगर थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 व 120बी के अलावा भारतीय तार अधिनियम, भारतीय बेतार यांत्रिकी अधिनियम तथा सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधित) अधिनियम 2008 की धारा 66 व 66डी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

इस मामले में हिमाचल प्रदेश के डीजीपी ने यूपी के डीजीपी को खुफिया जानकारी दी थी कि कुछ अति विशिष्ट व्यक्तियों को फोन से धमकियां दी जा रही हैं। डीजीपी ने एडीजी एटीएस को कार्रवाई का निर्देश दिया। एसएसपी एटीएस के नेतृत्व में लखनऊ टीम के एएसपी, डीएसपी समेत विशेषज्ञ टीम बनाई। टीम ने सूचनाओं का विश्लेषण किया तो सामने आया कि यह वीओआईपी कॉल्स हैं, जिसमें कॉल नंबर बदल-बदल कर आती है और कॉल चिह्नित करना कठिन हो जाता है। ऐसी कॉल के लिए यह गैंग अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहा था। ग्राउंड सर्विलांस एवं इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए सूचना की पुष्टि के बाद एटीएस ने दूरसंचार विभाग के अफसरों और स्थानीय पुलिस को साथ लेकर दोनों संचालकों को जानकीपुरम में सेक्टर-डी स्थित मकान नंबर एसएस-4 से गिरफ्तार कर लिया।

मुंबई से मिलता था तकनीकी सहयोग

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके मुंबई के साथियों ने इस काम में टीम व्यूअर से तकनीकी सहयोग दिया। दूरसंचार टीम ने अवैध एक्सचेंज का तकनीकी निरीक्षण कर बताया कि ये अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को सिम बॉक्स और राउटर के जरिए लोकल कॉल्स रूट कर रहे हैं। अभियुक्तों ने बताया कि सिम बॉक्स को ऐच्छिक आईपी पर 'कनफिगर' कर देश-विदेश से की जाने वाली कॉल इंटरनेशनल टेलीकॉम गेटवे को बाइपास कर अज्ञात सर्वर से वीओआईपी कॉल को रूट कराकर लोकल स्तर पर संचालित अवैध टेलीफोन एक्सचेंज को हस्तांतरित कर देते थे, जहां से वीओआईपी कॉल को सामान्य में परिवर्तित कर ग्राहक को ट्रांसफर हो जाती है। इस प्रक्रिया में कॉल करने वाले व्यक्तियों द्वारा एक एप का प्रयोग किया जाता है, जिससे इंटरनेशनल टेलीकॉम गेटवे बाइपास होने से कॉल करने वाले व्यक्ति का नंबर और पहचान नहीं पता चल पाता है।


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