उत्तर प्रदेश

इंकलाबी नौजवान सभा का दो दिवसीय 08वां राज्य सम्मेलन लखनऊ में संपन्न

Admin4
12 March 2024 9:02 AM GMT
इंकलाबी नौजवान सभा का दो दिवसीय 08वां राज्य सम्मेलन लखनऊ में संपन्न
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लखनऊ। इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) का दो दिवसीय 08वां राज्य सम्मेलन नेहरू युवा केन्द्र चौक लखनऊ में पहले दिन की शुरुआत महासचिव नीरज कुमार द्वारा झंडा फहरा कर किया गया,जिसके बाद उद्घाटन सत्र शुरु हुआ। सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन को माले राज्य सचिव सुधाकर यादव, आरवाईए महासचिव नीरज कुमार , इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह,डॉ. मो. इमरान खान, कुसुम वर्मा, मनीष कुमार संबोधित किए।
नफरत नहीं, जवाब दो! दस साल का हिसाब दो! योगी सरकार वीक है, पूरा पेपर लीक है!,बेरोजगार नौजवानों को धोखा देना बंद करो!, रोजगार पर श्वेत पत्र लाओ! ,बलात्कारियों को संरक्षण देना बंद करो, महिलाओं- दलितों पर हिंसा बर्दास्त नहीं!, रोजगार व आरक्षण विरोधी योगी सरकार शर्म करो,
सांप्रदायिक बुलडोजर राज के खिलाफ नौजवानों की एकता व भाईचारे को मजबूत करो! इन प्रमुख नारे के साथ आयोजित सम्मेलन का उद्धघाटन करते हुए भाकपा माले राज्य सचिव कॉमरेड सुधाकर यादव ने कहा कि सरकार द्वारा देश के युवाओं को ठगा जा रहा हैं,उनके रोजगार को अम्बानी-अडानी के हवाले किया जा चुका है, डबल इंजन के राज में प्रदेश में युवाओं पर चौतरफा दमन हैं। इनौस के कार्यकर्ता पूरे देश में इस निज़ाम से लड़ रहे हैं, जेल जा रहे हैं,दमन सह रहें हैं और उनके इरादे साफ तौर पर इस युवा विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने वाले हैं।
बतौर मुख्य वक्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए
इंकलाबी नौजवान सभा आरवाईए के महासचिव नीरज कुमार ने कहा कि डबल इंजन वाली मोदी योगी सरकार लगातार देश के संविधान को ताक पर रख कर विरोध की आवाजों व आम नागरिकों के अधिकारों को कुचल रही है। सरकार लोकतंत्र की संस्थाओं पर कब्जा जमाकर देश पर तानाशाही थोपने की कोशिश कर रही है।योगी सरकार में न रोजगार है और न ही रोजगार के लिए आयोजित परीक्षा ही हो पा रही है। पुलिस से लेकर आरओ-एआरओ की परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द करनी पड़ी इससे नौजवानों पर दोहरी मार पड़ रही है। नफरत फैलाकर और उठती आवाजों का दमन कर शिक्षा, रोजगार,संविधान और देश विरोधी सरकार पुनः सत्ता में आना चाहती है।
उन्होनें कहा कि युवाओं की आकांक्षाओं को बुलडोजर राज से कुचला जा रहा,उत्तर प्रदेश की सरकार परीक्षा माफिया में तब्दील हो गई हैं,बेरोजगारी महामारी का रूप अख्तियार कर चुकी हैं ऐसी परिस्थितियों में इस सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प हमें लेना चाहिए।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लालबहादुर सिंह ने विस्तार से युवाओं के आंदोलन के इतिहास पर बात की उन्होंने रोजगार को मैलिक अधिकार बनाने की माँग करते हुए इसके विभिन्न पहलुओं पर बात की। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार के फासीवादी चरित्र के खिलाफ आइसा-आरवाईए की क्रांतिकारी भूमिका को रेखांकित किया।
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ इमरान खान ने कहा कि लखनऊ में आरवाईए सम्मेलन कर एक नई उम्मीद दे रहा है नौजवानों की बिखरी लड़ाई को एक कर मजबूत आंदोलन खड़ा करें जिससे सरकार की युवा विरोधी नीतियों को ध्वस्त किया जा सके।
ऐपवा नेता कुसुम वर्मा ने इस सरकार द्वारा महिलाओं पर ढाए जा जुल्म के खिलाफ लड़ने और रोजगार के अधिकार के जरिए महिला मुक्ति के संघर्ष को तेज करने का आव्हान किया। आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने विश्विविद्यालय परिसरों में लोकतांत्रिक हकों के दमन,महँगी होती शिक्षा, छात्र विरोधी नई शिक्षा नीति के जरिए शिक्षा व्यवस्था के निजीकरण पर बात की।
संचालन राज्य सचिव सुनील मौर्य व धन्यवाद राज्य अध्यक्ष राकेश सिंह ने किया। दूसरे सत्र में 05 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल राकेश सिंह , अमरेश भारती, ठाकुर प्रसाद, राधा, रामलौट ने संचालन किया। इस सत्र में विदाई कमेटी की ओर से राज्य सचिव सुनील मौर्य ने राजनैतिक सांगठनिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिस पर प्रदेशभर से आए प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। सम्मेलन ने आरवाईए उत्तर प्रदेश की 31सदस्यीय कमेटी चुनी ।नवनिर्वाचित कमेटी द्वारा अध्यक्ष ठाकुर प्रसाद, उपाध्यक्ष धर्मराज कोल, राधा, प्रदीप कुमार, हनोमान अंबेडकर, सचिव सुनील मौर्य, सह सचिव राजीव गुप्ता, संजय निषाद, अमरेश भारती, सोनू यादव चुने गए।
सम्मेलन से आरवाईए ने निम्न प्रस्ताव लिया -
1- नौजवानों से 2024 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने का आह्वाहन किया और नौजवानों के बीच अभियान चलाने का निर्णय।
2- आरओ एआरओ, पुलिस भर्ती पेपर लीक के लिए तथा 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला, शिक्षा सेवा चयन आयोग बनने में देरी, नई शिक्षक भर्ती न होने के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार मानते हुए मुख्यमंत्री इस्तीफा दें।
3- दिल्ली की नमाजियों पर बर्बर घटना के मद्देनजर, नफरत व पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगाई जाए और सुरक्षा बलों का साम्प्रदायीकरण बंद हो।
4-. कानपुर की घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, दोषियों को कड़ी सजा दी जाए और प्रदेश सरकार की विफलता पर सरकार को निर्देशित किया जाए।
5-. इलेक्टोरल बांड का विवरण तुरंत सार्वजनिक किया जाए और ऐसा न करने वाले के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज किया जाए।
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