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आगरा न्यूज़: खाकी वर्दी पहनकर रंगदारी वसूलने वाले दो दरोगा और एक सिपाही को पुलिस आयुक्त ने निलंबित कर दिया. तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. आरोप है कि तीनों ने एक ट्रक मालिक से बीस हजार रुपये की रंगदारी वसूली थी. जांच में ताजगंज थाने के दरोगा को क्लीनचिट दी गई.
18 जून की रात बोदला-सिकंदरा मार्ग पर हेमा पेट्रोल पंप के पास पुलिस कर्मियों ने एक ट्रक रोका था. ट्रक के पीछे की नंबर प्लेट टूटी हुई थी. ट्रक बंद करने की धमकी दी गई थी. चालक धर्मवीर ने घटना की जानकारी मालिक ऋषभ को दी थी. वह मौके पर आए थे. आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने ट्रक छोड़ने के एवज में 40 हजार रुपये मांगे थे. बाद में 20 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था.
ट्रक मालिक ने फोन करके अपने एक परिचित से रुपये मंगाए थे. रुपये लेने के बाद पुलिस कर्मियों ने ट्रक छोड़ा था. ट्रक छूटते ही मालिक ने 112 नंबर और पुलिस आयुक्त के सीयूजी नंबर पर फोन मिलाकर अवैध वसूली की शिकायत की थी. पीड़ित पुलिस आयुक्त के सामने पेश भी हुआ था. पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने डीसीपी सूरज राय को जांच के आदेश दिए थे. डीसीपी ने अपनी जांच रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को सौंपी.
पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पदम प्राइड चौकी प्रभारी गौरव राठी, एसआई नीरज कुमार और सिपाही रवि कुमार को दोषी पाया गया. तीनों पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है. जांच में ताजगंज थाने में तैनात दरोगा की कोई भूमिका नहीं निकली. वह एक दबिश में सिकंदरा क्षेत्र में गया था. साथी पुलिस कर्मियों को देखकर रुक गया था. वादी ने भी उसके खिलाफ कोई बयान नहीं दिया. उसे क्लीनचिट दी गई है.
पदम प्राइड चौकी पर लगा ग्रहण सिकंदरा थाने की पदम प्राइड चौकी पर ग्रहण लगा हुआ है. अवैध वसूली के चक्कर में जनवरी 2023 में चौकी प्रभारी देववृत्त पांडेय निलंबित हुए थे. पांच महीने बाद चौकी इंचार्ज गौरव राठी भी अवैध वसूली में फंस गए. इस बार उनके साथ चौकी पर तैनात दरोगा नीरज कुमार और सिपाही रवि कुमार भी चपेट में आ गए. उनके खिलाफ भी कार्रवाई हुई है.