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लखनऊ। यूपी पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में 'सॉल्वर' (प्रश्नपत्र हल करने वाले) को बैठाकर परीक्षा कराने के मामले में एक अभ्यर्थी तथा सॉल्वर को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि सीटीईटी परीक्षा में अपने स्थान पर 'सॉल्वर' बैठाकर प्रश्नपत्र हल कराने वाले अभ्यर्थी शुभम यादव और बिहार निवासी 'सॉल्वर' मनीष कुमार खरवार को बुधवार को लखनऊ के बंथरा इलाके से गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से तीन फर्जी आधार कार्ड, एक पैन कार्ड तथा दो प्रवेश पत्र बरामद हुए हैं।
उन्होंने बताया कि एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि सीटीईटी परीक्षा में बंथरा स्थित सुल्तान फाउंडेशन में अभ्यर्थी शुभम यादव के स्थान पर एक 'सॉल्वर' परीक्षा देने जा रहा है इस पर एसटीएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर शुभम और सॉल्वर मनीष को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार खरवार ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि वह वर्ष 2016 से पटना के कंकड़बाग में रहकर लोक सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। उसने बताया कि घर की आर्थिक स्थित ठीक न होने के कारण वह अंशकालिक नौकरी ढूंढ़ रहा था और इसी बीच उसकी मुलाकात राजीव तथा सुरेन्द्र से हुई जो साल्वर का एक संगठित गिरोह चलाते हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह गिरोह शुरू से ही अभ्यर्थी के फार्म पर सॉल्वर की ही फोटो व बायोमैट्रिक जानकारी देते थे जिससे मूल अभ्यर्थी के स्थान पर सॉल्वर को बैठाते समय फोटो व बायोमैट्रिक का मिलान हो जाये। इसमें परीक्षा के समय मूल अभ्यर्थी के पहचान पत्र को फोटोशाप के माध्यम से एडिट कर सॉल्वर की फोटो लगा दी जाती है, जिससे वे पकड़े नहीं जाते।
खरवार ने बताया कि उसे इस गिरोह के लिए काम करने पर प्रति परीक्षा 10 से 15 हजार रूपये दिए जाने की बात कही गई। उसने बताया कि वह रूपये कमाने की लालच में आकर वर्ष 2019 से सॉल्वर बनकर अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देने का काम कर रहा है। उसने हाल ही में रांची, लखनऊ तथा कानपुर में सॉल्वर के रूप में कई अभ्यर्थियों के स्थान पर बैठकर परीक्षा दी थी। एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ बंथरा थाने में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है।
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