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बलिया। जिला न्यायालय में कूटरचित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर समूह घ की नियुक्ति हासिल करने के मामले में पुलिस ने बुधवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार पड़ोसी जनपद मऊ के पिपरी गांव निवासी धर्मेंद्र यादव व गोरखपुर के आलोक के विरुद्ध पुलिस ने मंगलवार को सिविल कोर्ट के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अशोक कुमार उपाध्याय की तहरीर पर बलिया शहर कोतवाली में मंगलवार को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 419 , 420 , 467 , 468 व 472 में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था।
पुलिस अधीक्षक शंकरन आनंद ने बताया कि मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अशोक कुमार उपाध्याय ने तहरीर में उल्लेख किया है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तरफ से गत 16 मई को जिला जज , बलिया को समूह घ के पद पर 31 कर्मी नियुक्त कर इस आशय से भेजे गए कि नियुक्ति प्राधिकारी जिला जज इनके पहचान व दस्तावेज का सत्यापन कर नियुक्ति पत्र जारी करें। इसमें मऊ जिले के दोहरीघाट थाना क्षेत्र के पिपरी गांव के धर्मेंद्र यादव का भी नाम रहा।
पहचान व दस्तावेज सत्यापन के दौरान पाया गया कि धर्मेंद्र यादव ने फर्जी अभिलेखों के आधार पर समूह घ की नियुक्ति हासिल की है। धर्मेंद्र यादव की फोटो व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पोर्टल पर उपलब्ध फोटो में भिन्नता पाई गई। धर्मेंद्र यादव द्वारा भिन्न फोटो गोरखपुर के रहने वाले आलोक का बताया गया। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अशोक कुमार उपाध्याय ने तहरीर के साथ ही धर्मेंद्र यादव को भी पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी धर्मेंद्र यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है ।
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