उत्तर प्रदेश

धमकियों से परेशान हाईस्कूल की छात्रा ने की खुदकुशी

Tara Tandi
13 March 2024 6:03 AM GMT
धमकियों से परेशान हाईस्कूल की छात्रा ने की खुदकुशी
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कानपूर : उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां शोहदे की धमकियों से परेशान हाईस्कूल की छात्रा ने खुदकुशी कर ली। पुलिस को छात्रा के शव के पास से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें छात्रा ने दर्द बयां किया है। नोट में शोहदे के धमकाने की बात लिखी है।
उसने लिखा कि पापा, जिसने मुझे मरने के लिए मजबूर किया, उसे मौत से कम सजा न दिलाना। बिसंडा थाना क्षेत्र के एक गांव की 17 वर्षीय छात्रा ने मंगलवार की सुबह घर में बल्ली से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं निकली तो परिजनों को शंका हुई।
खपरैल तोड़कर ताऊ ने कमरे के अंदर झांका तो उसका शव फंदे से लटक रहा था। पिता ने बताया कि सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि गांव का लड़का उसे धमकाता था। छात्रा की मौत से मां व छोटी बहनें बदहवास हैं। आरोपी भी छात्रा के ही गांव का है, लिहाजा मौके पर पुलिस भी तैनात कर दी गई है।
बिसंडा थाना इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ला ने बताया कि प्रथम दृष्टया खुदकुशी है। घटना के बाद ही आरोपी के घर पर पुलिस ने दबिश दी , लेकिन न तो वह मिला और न ही कोई घरवाला। उसके नाते-रिश्तेदारों व साथियों का पता किया जा रहा है, ताकि उसे जल्द पकड़ा जा सके। इसके अलावा छात्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल भी निकाली जा रही है।
जबरन फोन थमाया और देता था धमकी
सेवा में श्रीमान लिखकर शायद छात्रा ने सुसाइड नोट में पुलिस को अपना दर्द बताने का प्रयास किया। सुसाइड नोट में छात्रा ने बताया कि गांव के लड़के ने उसे जबरन फोन दिया और कहता था कि मुझसे बात करो। यदि बात नहीं करोगी तो तुम्हें बदनाम कर दूंगा।
चार माह पहले शोहदे को चेताया था
छात्रा के परिजनों ने बताया कि चार माह पहले बेटी ने आलोक की हरकतें बताई थीं। तब उसके घर उलाहना देने भी गए थे, लेकिन आरोपी हरकतों से बाज नहीं आया और आखिर में बेटी को जान देने पर मजबूर होना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि उसी वक्त पुलिस से शिकायत की गई होती तो शायद बिटिया जीवित होती।
सहते सहते टूट गई थी छात्रा
छात्रा के शब्दों में उसकी मानसिक स्थिति साफ झलक रही है। उसने लिखा है कि एक ओर आलोक धमकाता था तो दूसरी ओर मजबूर घर वाले बदनामी के डर से उसे ही भला बुरा कहकर पीटते थे। वह इस कदर परेशान थी कि उसे कुछ भी समझ नहीं आया। उसने जान देने का फैसला कर लिया।
जिसने भी छात्रा के सुसाइड नोट को पढ़ा, वह आंसू नहीं रोक सका। हाथों में बेटी के हाथ का लिखा सुसाइड नोट लेकर बेबस पिता कभी दीवार पर सिर पटकता था तो कभी शोहदे का नाम लेकर चीखता। छात्रा की बदहवास मां भी घर के कोने में पत्थर बनी बैठी रही। मोहल्ले की महिलाएं बार-बार चेहरे पर पानी की छींटे मार रही थीं।
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