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सरकारी अफसरों से परेशां होकर पीड़िता ने पेट्रोल छिड़क किया आत्महत्या का प्रयास

मलिहाबाद (लखनऊ)। माननीय न्यायालय के आदेशों का पालन न करने से क्षुब्ध महिला ने अपने परिवारीजनों के साथ तहसील परिसर पहुंच पेट्रोल छिडक़कर आत्महत्या करने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद पुलिस ने किसी तरह उन्हें रोककर उनकी जान बचाई।
तहसील क्षेत्र के ग्राम मंडौली निवासिनी ज्ञानवती को काफी वर्ष पूर्व गाटा संख्या 582स रकबा 0.013 हेक्टेयर (1 बिसुवा) का पट्टा हुआ था। इस भूमि पर तहसील कर्मियों से मिलीभगत कर ग्राम प्रधान पानी की टंकी का निर्माण करा रहे हैं। जिसका पीडि़ता द्वारा काफी समय से विरोध किया जाता रहा।
जिसकी शिकायत उसने कई बार तहसील में दी, लेकिन एसडीएम उसकी जमीन पर बन रही टंकी का निर्माण कार्य नहीं रुकवाया। जिसके बाद पीडि़ता ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका संख्या 7475/2022 (डब्लू सी) ज्ञानवती बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य दाखिल किया। जिसमें न्यायालय द्वारा 21 अक्टूबर को सुनवाई कर उक्त भूमि पर हस्ताक्षेप न करने का आदेश पारित किया।
पीड़िता ज्ञानवती के पक्ष में न्यायालय के लिखित आदेश होने के बाद भी ग्राम प्रधान व तहसील कर्मियों से साठगांठ करके निर्माण कराता रहा। शनिवार को 3 बजे पीडि़ता ज्ञानवती अपने पति प्रेमचंद्र, देवर राजेश रावत, देवरानी नीलम सरोज अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ तहसील परिसर पहुंच तहसील कर्मियों से परेशान होकर व न्यायालय के आदेशों का पालन ना करने वाली एसडीएम के विरुद्ध नारेबाजी कर उक्त चारों ने अपने ऊपर पेट्रोल छिडक़ आग लगाने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद पुलिस ने किसी तरह उन्हें रोक उनकी जान बचाई।
एसडीएम फोन उठाना नहीं समझतीं जरूरी
मुख्यमंत्री के सख्त आदेश है कि अधिकारी अपने सीयूजी नंबर अवश्य उठाएं। लेकिन मलिहाबाद उपजिलाधिकारी प्रज्ञा पाण्डेय के सीयूजी नंबर पर रिंग जाती रही। लेकिन वह फोन उठाना तक मुनासिब नहीं समझीं। तहसीलदार विजय कुमार सिंह ने बताया की मौके पर जाकर हो रहे निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया है।
