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मेरठ: इसे गर्मी से पहले निर्बाध बिजली आपूर्ति की तैयारियों में कुछ स्तर पर खामियां रह जाना माने अथवा भीषण गर्मी में बिजली की बढ़ती मांग के कारण ओवरलोडिंग एवं अन्य तकनीकी कारण, लेकिन शहर से लेकर देहात तक इस बार गर्मी में ट्रांसफॉर्मर फुंकने-जलने, जर्जर एबी केबल, तारों के टूटने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है. पीवीवीएनएल अफसर हालांकि ओवरलोडिंग को सिरे से खारिज कर रहे हैं.
तीन महीने पहले महज 15 दिनों में पश्चिमांचल के 14 जनपदों में करीब दो हजार ट्रांसफॉर्मर फुंक गए थे. सबसे अधिक बुलंदशहर, बिजनौर, सहारनपुर, मेरठ व सबसे कम गाजियाबाद, संभल और नोएडा में ट्रांसफॉर्मर फुंके थे. यह सिलसिला थम नहीं रहा. एक के बाद एक जल-फुंक रहे बिजली ट्रांसफॉर्मरों से अफसरों की टेंशन बढ़ गई है. ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत कराने में सरकारी खजाना भी खाली हो रहा है. फुंके ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत कराने में सरकारी खजाना खाली होता देख अफसरों की चिंता बढ़ गई है. जानकारों की माने तो ज्यादातर मामलों में विद्युत ट्रासंफार्मर लो-वोल्टेज या हाई-वोल्टेज के चलते फुंक जाते हैं, क्योंकि मई, जून, जुलाई, अगस्त व सितंबर माह में बिजली की जरूरत पड़ने से लोड़ बढ़ जाता है. एक बार ट्रांसफार्मर फुंकने के बाद लगभग 15 से 20 हजार का खर्च आता है.
शहर में कहीं भी ओवरलोडिंग नहीं है. दूसरे कारणों से ट्रांसफॉर्मर जल रहे हैं. एक अक्तूबर से विशेष अभियान चलाकर दिवाली से पहले शहर में बिजली आपूर्ति मजबूत कराएंगे.
-राजेंद्र बहादुर, अधीक्षण अभियंता शहर
लिसाड़ी गेट, जाकिर कॉलोनी, लिसाड़ी रोड इलाकों में बिजली की आंख मिचौली ने लोगों को परेशान किया. लोगों का कहना है कि रात में भी अघोषित बिजली कटौती से परेशानी हो रही. जागृति विहार, शास्त्रत्त्ीनगर, एल ब्लाक इलाकों में भी यही हाल है.