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देश में सर्वाधिक ट्रेनों की आवाजाही दिल्ली-हावड़ा रूट पर ही है। इसी वजह से इस रूट पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए यहां आधारभूत संरचना सुधारने पर ही रेलवे का जोर है। वर्तमान में दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा करने की तैयारी जोरों से चल रही है।
सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में प्रयागराज से देश की राजधानी दिल्ली तक ट्रेन द्वारा महज तीन से साढ़े तीन घंटे में पहुंचा जा सकेगा। यह संभव होगा निकट भविष्य में हल्की एल्युमिनियम बॉडी वाली ट्रेनों के संचालन से। लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) ने 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ने में सक्षम सेमी हाइस्पीड ट्रेन की कम भार की एल्युमिनियम बाडी की डिजाइन तैयार की है। खास बात है कि इसका ट्रायल उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के प्रयागराज मंडल में होगा। ट्रायल इसी वित्तीय वर्ष में हो सकता है।
दरअसल, देश में सर्वाधिक ट्रेनों की आवाजाही दिल्ली-हावड़ा रूट पर ही है। इसी वजह से इस रूट पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए यहां आधारभूत संरचना सुधारने पर ही रेलवे का जोर है। वर्तमान में दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा करने की तैयारी जोरों से चल रही है। इस बीच आरडीएसओ द्वारा सेमी हाइस्पीड ट्रेन की कम भार की एल्युमिनियम बाडी की डिजाइन तैयार करने के बाद इस रूट पर 200 किमी की अधिकतम रफ्तार से ट्रेन संचालन आने वाले समय में शुरू हो सकेगा।
पिछले सप्ताह ही आरडीएसओ के महानिदेशक संजीव भुटानी ने एल्युमिनियम बाडी कोच के बारे में जानकारी साझा की थी। इसके बाद ही अब ट्रेन सेट तैयार करने के लिए खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले चरण में आरडीएसओ की डिजाइन की हुई 100 ट्रेन सेट बनाए जाएंगे। इसका ट्रायल प्रयागराज मंडल में किए जाने की तैयारी की गई है। ट्रेन-18 (वंदे भारत) में जहां एसी चेयर ही है तो वहीं इस एल्युमिनियम बाडी कोच में आराम दायक बर्थ (स्लीपर) यात्रियों को उपलब्ध करवाई जाएगी।
फिर पांच घंटे में तय हो जाएगा हावड़ा का सफर
बताया जा रहा है कि आरडीएसओ की डिजाइन पर 100 ट्रेन सेट बनाए जाएंगे। अभी दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली-मुंबई रूट पर राजधानी एवं शताब्दी जैसी कई एक्सप्रेस ट्रेन अधिकतम 130 की रफ्तार से एवं आगरा-मथुरा रेलखंड में गतिमान एक्सप्रेस 160 किमी की अधिकतम रफ्तार से दौड़ती है। एल्युमिनियम बॉडी के ट्रेन सेट आने के बाद ट्रेन की स्पीड अगर 200 किमी प्रति घंटा हो जाएगी तो प्रयागराज से हावड़ा का सफर भी महज पांच घंटे में पूरा हो जाएगा।
प्रयागराज मंडल काफी बड़ा है। यहां ट्रेनों की आवाजाही भी ज्यादा है। इसी वजह से आरडीएसओ द्वारा आने वाले समय में प्रयागराज मंडल में ट्रायल किया जा सकता है। हालांकि यह निर्णय आरडीएसओ को ही करना है। - मोहित चंद्रा, डीआरएम, प्रयागराज मंडल
यह बड़ा प्रोजेक्ट है। एल्युमिनियम बॉडी के ट्रेन सेट रेलवे की किसी एक प्रोडक्शन यूनिट से बनवाए जाएंगे। यह जल्द ही तय हो जाएगा। सेट आने के बाद ही प्रयागराज मंडल एवं अन्य जगह इसका ट्रायल लिया जा सकता ह