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सीएम की जीरो टोलरेंस नीति को ट्रैफिक पुलिस कर्मी लगा रहे पलीता
मेरठ: कप्तान ईमानदार हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस कर्मी बैलगाम क्यों हो गए हैं? शहर के प्रत्येक चौराहे पर जो चल रहा है, उसे जनता भी देख रही हैं तथा रूबरू भी हो रही हैं। गैर जनपद की गाड़ियों को रोका जाता हैं, फिर चेकिंग के नाम पर उत्पीड़न किया जाता हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टोलरेंस नीति को भी ये ट्रैफिक पुलिस कर्मी पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ‘जनवाणी’ ने ग्राउंड स्तर पर शहर भर में ट्रैफिक पुलिस क्या कर रही हैं?
इसकी हकीकत से आला पुलिस अफसरों और जनप्रतिनिधियों को रूबरू कराने के लिए एक अभियान चलाया, जिसमें जगह-जगह ट्रैफिक पुलिस कर्मियों द्वारा लोगों को रोककर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करते हुए दिखाई दिये। पर्दे के पीछे क्या चल रहा था? यह सब जानते हैं, लेकिन यह सब आला पुलिस अफसरों को क्यों नहीं दिख रहा हैं? इसमें ट्रैफिक पुलिस के अफसर भी आला पुलिस अफसरों को गुमराह कर रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि भी धूमिल हो रही हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके है कि सरकारी सिस्टम जीरो टोलरेंस नीति पर कार्य करें। यह कहकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी नीति को साफ कर दिया हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकारी सिस्टम मानने को तैयार नहीं हैं।
इसमें दो राय नहीं है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टोलरेंस का जनता स्वागत कर रही हैं। जनता को भ्रष्टाचार से राहत मिली हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टोलरेंस को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रही हैं। शहर के जितने भी चौराहों पर ‘जनवाणी’ ग्राउंड स्तर पर छानबीन की, वहीं भी चेकिंग के नाम लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा था।
यही नहीं, चौराहों पर जाम लगा हुआ था, लेकिन ट्रैफिक पुलिस गैर जनपदों व गैर राज्यों की गाड़ियों को रोककर चेकिंग के नाम पर उत्पीड़न करते हुए दिखाई दी। सार्वजनिक रूप से चौराहों पर जो चल रहा हैं, ये आम जनता भी जानती हैं तथा देख भी रही हैं। सपा सरकार में जो भ्रष्टाचार चल रहा था, उसी पैटर्न पर ट्रैफिक पुलिस आ गई हैं।
आखिर ट्रैफिक पुलिस के भ्रष्टाचार पर तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी के कार्यकाल में पूरी तरह से अंकुश लग गया था। उनके कार्यकाल में एक भी चौराहे पर चेकिंग नहीं हुई। उनके जाने के बाद फिर से चेकिंग के नाम पर टैÑफिक पुलिस लोगों का उत्पीड़न करने लगी।
इसका संज्ञान वर्तमान एसएसपी रोहित सजवाण ने लिया तो इसके बाद ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की बुलाकर सामूहिक मीटिंग ली तथा एसएसपी ने चेता दिया कि भ्रष्टाचार हुआ तो कार्रवाई करेंगे। एसएसपी ने चेकिंग के नाम पर लोगों के उत्पीड़न करने पर भी नाराजगी व्यक्त की थी। कप्तान रोहित सजवाण पूरी तरह से ईमानदार हैं, लेकिन नीचले स्तर पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी गुमराह कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
जो पत्रकार ट्रैफिक पुलिस के चेकिंग के नाम पर आर्थिक उत्पीड़न करने का मामला उठाता है तो उसको भी नोटिस भेजकर खुद को ईमानदार साबित करने का कुचक्र किया जा रहा हैं। चौराहों पर क्या हो रहा हैं? ट्रैफिक पुलिस ईमानदारी से काम कर रही हैं या फिर आंकठ भ्रष्टाचार में डूबी हैं? इसके आरोप कई समाजसेवियों ने भी लगाये हैं, जो ‘जनवाणी’ के पास सबूत के रूप में मौजूद हैं। इसकी जांच पुलिस के अलावा विजीलेंस से कराई जानी चाहिए, तभी भ्रष्टाचार के मामले खुलकर सामने आ जाएंगे।
रुकना चाहिए भ्रष्टाचार
हां, मैने भी कई बार ट्रैफिक में भ्रष्टाचार के मामले पकड़े हैं। उन्हें इस तरह की शिकायत मिली थी, जिसके बाद ही औचक छापेमारी की गई। एसएसपी रोहित सजवाण और एसपी ट्रैफिक से भी शिकायत की थी।
यह भी उनके संज्ञान में आया है कि फिर से चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस जनता का उत्पीड़न कर रही हैं, इसकी शिकायत एडीजी और एसएसपी से की जाएगी, ताकि चौराहों पर हो रहे भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
-अमित अग्रवाल, भाजपा विधायक मेरठ कैंट
नहीं होने देंगे चेकिंग के नाम पर भ्रष्टाचार
गैर राज्यों की गाड़ियों की चेकिंग के नाम पर उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। मध्य प्रदेश और राजस्थान की जनता यहीं से होकर हरिद्वार जाती हैं। मेरठ एनसीआर में आता हैं, इसलिए भी वहां की पुरानी गाड़ियों को रोकर उत्पीड़न की बात सामने आ रही हैं,
जिसको लेकर एसएसपी से बात की जाएगी। इस तरह का भ्रष्टाचार बंद कराया जाएगा। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टोलरेंस नीति को इस तरह के मामलों से छवि बिगड़ रही हैं।
-विमल शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा, मेरठ
फर्जी चालान करने वाला दबोचा
परतापुर: तिराहे पर रविवार को सिविल डेÑस में अपने को क्राइम ब्रांच का बताकर बाइक सवारों का मोबाइल में फोटो खींचकर चालान करने का बहाना बनाकर वसूली कर रहा था। लोगों की शिकायत पर पुलिस ने उसको धरदबोचा। पकड़ा गया फर्जी क्राइम ब्रांच के युवक ने अपना नाम आकाश पुत्र सुभाष निवासी गौतमबुद्ध नगर बताया।
इसके पास से एक वाकीटाकी भी मिला जो इसने आरएएफ रोड स्थित ओकटी होटल से चुराया था। जिसकी रिपोर्ट थाने में होटल के मैनेजर नितिन ने लिखाई थी। बताया कि रविवार को उक्त व्यक्ति ने कई बाइक वालों से हेलमेट के न होने पर उगाही की थी।