उत्तर प्रदेश

पीएनजी के विरोध में व्यापारियों ने निकाली कार रैली, कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा

Shantanu Roy
27 Sep 2022 12:09 PM GMT
पीएनजी के विरोध में व्यापारियों ने निकाली कार रैली, कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा
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मेरठ। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के नए प्रावधानों के विरोध में उद्यमियों ने मंगलवार को कार रैली निकाली। रैली शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कमिश्नरी पहुंची। एक अक्टूबर से उद्योगों को पीएनजी से चलाने की अनिवार्यता हो जाएगी। इतना ही नहीं घरों से लेकर बाजारों तक डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। उद्यमी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। एक अक्टूबर से नए प्रावधानों के लागू होने के बाद केवल पीएनजी आधारित ईंधन का प्रयोग ही उद्योगों में किया जा सकेगा। नई व्यवस्था का असर उद्योग, घर, बाजार से लेकर कारोबार तक पड़ना तय है। इसके विरोध में उद्यमी आंदोलन कर रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए शहर भर में पोस्टर लगाए गए हैं। मंगलवार को आसपास के जनपदों के उद्यमी मेरठ पहुंचे और पीवीएस से कार रैली शुरू की। रैली शहर से होते हुए कमिश्नरी पहुंची और वहां कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा।
आइआइए के मेरठ चैप्टर चेयरमैन सुमनेश अग्रवाल ने बताया कि नए प्रावधानों को उद्यमियों पर थोपा जा रहा है। उद्यमियों पर आंदोलन के लिए अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचा है। 30 सितंबर तक सभी फैक्ट्रियों को पीएनजी पर शिफ्ट करना संभव नहीं है। जेनरेटर भी पीएनजी से चलाने का आदेश जारी हुआ है। इन आदेशों से एनसीआर क्षेत्र की इंडस्ट्रियां बंदी के कगार पर पहुंच जाएंगी। सुमनेश अग्रवाल ने बताया कि जनरेटर को पीएनजी आधारित बनाने के लिए प्रति इकाई औसतन आठ से दस लाख रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। पूरे एनसीआर में करीब 50 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। विद्युत प्रयोग का खर्च 12 रुपये प्रति यूनिट आता है, जबकि पीएनजी की व्यवस्था में यह खर्च करीब तीन गुना तक हो जाएगा। नए प्रावधानों से इंस्पेक्टर राज को भी बढ़ावा मिलेगा।
ये तीन हैं प्रमुख मांगें
1 - उद्योगों को 24 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति होनी चाहिए
2 - बिजली जाने पर जनरेटर चलाए जाने पर कोई पाबंदी न हो
3 - वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के नए प्रावधान वापस कराएं।
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