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- शहजाद बांध का होगा...
झाँसी: दशकों से अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहे शहजाद बांध में आ रही कमियों को दूर कराने के लिए विभागीय अधिकारी अब एक्टिव हो चुके हैं. इस बांध की दीवारों का लीकेज बंद करने के लिए टोमोग्राफी सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया गया है. विभागीय अधिशासी अभियंता मनमोहन सिंह ने इस बाबत पर एक कार्ययोजना बनाकर शासन को प्रस्तावित की है.
जिसको वित्तीय व प्रशासनिक अनुमति भी मिल चुकी है. जल्द ही बजट मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है. जनपद की शहजाद नदी का उद्गम पाली के पास बंट तालाब से हुआ है. यह नदी विभिन्न ग्राम पंचायतों से होते हुए बेतवा में मिल जाती है. इस नदी पर दो महत्वपूर्ण बांध बने हैं. गोविंद सागर बांध व शहजाद. इनसे फसलों की सिंचाई होने के साथ ही लोगों को पेयजल भी मुहैया कराया जाता है. गोविंद सागर की तर्ज पर शहजाद बांध भी कई दशक पुराना हो चुका है. गुजरते समय के साथ उसका ढांचा कमजोर होता जा रहा है. जिसको दुरुस्त करके बांध की उपयोगिता बनाए रखने के लिए राजघाट निर्माण खण्ड के अधिकारी प्रयासरत हैं. अधिशासी अभियंता ने इस बांध की कमियों को विभागीय अफसरों से चिह्नित कराया. फिर जरूरी कामों की कार्ययोजना तैयार कर डाली. जिसके मुताबिक बांध के सभी गेटों की मरम्मत बहुत आवश्यक हो गयी. स्पिलवे के साथ कैनाल के क्षतिग्रस्त हिस्सों को भी दुरुस्त किया जाएगा.
पैरापिट (दीवार) को ऊंचा किया जाएगा. डैम की तलहटी में आवागमन के दौरान होने वाली दिक्कों को दूर करने के लिए सड़क बनायी जाएगी. इस बांध में स्पिलवे के आस पास की दीवारों से लीकेज होने वाले पानी को बचाने के लिए टोमोग्राफी सर्वे कराया जाएगा. फिर रिपोर्ट के आधार पर यह अहम कार्य कराया जाएगा. इन कार्यों पर 9.45 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. विभागीय अधिशासी अभियंता मनमोहन सिंह ने बताया कि उक्त कार्यों को कराने के लिए शासन को जो परियोजना भेजी थी, उसको वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. धनराशि जारी होते ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करके गुणवत्तापरक काम कराए जाएंगे.