- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- आज प्रयागराज एक्सप्रेस...
उत्तर प्रदेश
आज प्रयागराज एक्सप्रेस को 38 वर्ष हो गए पूरे, जानिए इसकी खास बातें
Renuka Sahu
16 July 2022 3:40 AM GMT
![Today Prayagraj Express completes 38 years, know its special things Today Prayagraj Express completes 38 years, know its special things](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/07/16/1792091--38-.webp)
x
फाइल फोटो
प्रयागराज जंक्शन से नई दिल्ली जाने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस के 16 जुलाई 2022 को 38 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रयागराज जंक्शन से नई दिल्ली जाने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस के 16 जुलाई 2022 (शनिवार) को 38 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह ट्रेन इतने वर्षों से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की पसंदीदा ट्रेन में शुमार है। तीन वर्ष पहले इसके 35 वर्ष पूर्ण होने पर उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक रहे राजीव चौधरी ने 'मैं प्रयागराज एक्सप्रेस हूं' शीर्षक से इसकी खूबियां बताई थीं।
इस ट्रेन के 38 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर रेलवे द्वारा प्रयागराज जंक्शन पर कोई बड़ा कार्यक्रम तो नहीं किया जा रहा है, लेकिन केक कटेगा। साथ ही प्रयागराज एक्सप्रेस फैंस क्लब द्वारा ट्रेन के इंजन एवं कोच के बाहर साज सज्जा की तैयारी है। 16 जुलाई 1984 को ही प्रयागराज एक्सप्रेस पहली बार इलाहाबाद जंक्शन (अब प्रयागराज जंक्शन) से नई दिल्ली के लिए चली थी।
तब इस ट्रेन का नंबर इलाहाबाद से 91 अप एवं नई दिल्ली से 92 डाउन था। इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक से इस ट्रेन को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री राजेंद्र कुमारी बाजपेयी ने हरी झंडी दिखाई थी। उस वक्त इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र के सांसद कांग्रेस के केपी तिवारी थे।
शुरूआत में थे लाल रंग के कोच
प्रयागराज एक्सप्रेस की जब शुरूआत हुई थी तब इसमें लाल रंग के कोच थे। तब ट्रेन में एक भी एसी कोच नहीं थे। तीन कोच फर्स्ट क्लास के थे। इसके अलावा चार जनरल एवं आठ कोच स्लीपर श्रेणी के थे। वर्ष 2003 में उत्तर मध्य रेलवे के गठन के बाद इसमें पुराने कोचों को बदलकर नीले रंग के कोचों को लगाया गया। 18 दिसंबर 2016 को प्रयागराज एक्सप्रेस को एलएचबी रैक से लैस किया गया। इसके बाद इस वर्ष लगे कुंभ मेले के पूर्व इसके कोचों पर मेला थीम पर आधारित विनायल रैपिंग की गई।
पहले सफर में शीतला प्रसाद थे कंडक्टर
प्रयागराज एक्सप्रेस का शुरूआत से अब तक दोनों ओर से आवागमन जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ही हो रहा है। इसके पहले सफर में कंडक्टर के रूप में जंक्शन से शीतला प्रसाद श्रीवास्तव गए थे। उन्होंने बताया कि शुरूआत में स्लीपर का किराया करीब 115 रुपये तथा फर्स्ट क्लास का किराया 400 रुपये से अधिक था। ट्रेन के 35 वर्ष पूरे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भी वह टिकट चेकिंग टीम को लीड कर रहे थे। इस दौरान जंक्शन पर हुए कार्यक्रम में ट्रेन के पहले सफर के गार्ड प्रताप सिंह, टिकट चेकिंग स्टाफ विजय मोहन दुबे, डीएन सक्सेना, विदित तिवारी, अजय गुप्ता, एमपी सिंह, राम सिंह आदि को भी सम्मानित किया गया गया था।
प्रयागराज एक्सप्रेस की खास बातें
देश की पहली ट्रेन जिसमें लगे हैं 24 एलएचबी कोच
600 मीटर से ज्यादा लंबी देश की एकमात्र ट्रेन
एनसीआर की पहली आईएसओ सर्टिफाइड ट्रेन
एनसीआर की एकमात्र ट्रेन जिमसें एसी टू के सर्वाधिक पांच कोच
इस एक्सप्रेस के 35 वर्ष पूर्ण होने पर बनाई गई थी डाक्यूमेंट्री
इसकी रवानगी के दौरान आज भी स्टेशन पर बजाई जाती है घंटी
25 नवंबर 2020 को रात 9.30 की जगह 10.10 बजे हुआ रवानगी का समय
बीते छह माह में 2.68 लाख लोगों ने किया सफर, 18.70 करोड़ की हुई कमाई
Next Story