उत्तर प्रदेश

आज फिर काशी दौरे में पीएम मोदी, कई अहम योजनाओं का करेंगे शिलान्यास

Deepa Sahu
22 Dec 2021 1:29 AM GMT
आज फिर काशी दौरे में पीएम मोदी, कई अहम योजनाओं का करेंगे शिलान्यास
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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) के भव्य उद्घाटन कार्यक्रम के बाद बुधवार यानी आज पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक बार फिर अपने संसदीय क्षेत्र काशी में होंगे.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) के भव्य उद्घाटन कार्यक्रम के बाद बुधवार यानी आज पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक बार फिर अपने संसदीय क्षेत्र काशी में होंगे. प्रधानमंत्री मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (PM Modi in Varanasi) के करखियांव में गुजरात के बनासकांठा जिला दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड की बनास डेयरी का शिलान्यास करेंगे. इसके अलावा जिले को 2100 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न योजनाओं की सौगात देंगे. बीजेपी के महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने इस दौरे पर 2100 करोड़ की 25 परियोजनाओं की सौगात काशी को देंगे.

PM मोदी आज करखियांव में डेयरी संयंत्र का शिलान्यास, बेनियाबाग में पार्किंग और इंटीग्रेटेड सर्विलांस सिस्टम सहित अन्य कार्यों का लोकार्पण में शामिल होने वाले हैं. बनास डेयरी के चेयरमैन शंकरभाई चौधरी ने बताया कि इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे. चौधरी ने बताया कि इस प्रकल्प से वाराणसी, जौनपुर, मछलीशहर, चंदौली, भदोही, गाजीपुर, मिर्जापुर और आजमगढ के 1000 गांवों के किसानों को लाभ होगा. किसानों को उनके दूध के बदले 8000 से 10,000 रुपये प्रतिमाह तक मूल्य मिलेगा.
10000 परिवारों को मिलेगा रोजगार
शंकरभाई ने कहा कि इस संयंत्र में 750 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार, 2350 लोगों को अनुसांगिक कार्यों में और लगभग 10,000 परिवारों को गांव में रोजगार मिलने की संभावना है. गौरतलब है कि इससे पहले 13 और 14 दिसंबर को प्रधानमंत्री वाराणसी आए थे और उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का उद्घाटन किया था. उन्होंने अपने दौरे के पहले दिन लगभग 339 करोड़ रुपये की लागत से बने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन किया था.
प्रयागराज में महिलाओं को दिया तोहफा
मंगलवार को मोदी प्रयागराज में रहे और उन्होंने महिलाओं से जुड़े स्व-सहायता समूहों को 10 हज़ार करोड़ दिए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, प्रयागराज (Prayagraj) हजारों सालों से हमारी मातृशक्ति की प्रतीक मां गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की धरती रही है. आज ये तीर्थ नगरी नारी-शक्ति के इतने अद्भुत संगम की भी साक्षी बन रही है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास के लिए, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो काम हुआ है, वो पूरा देश देख रहा है. अभी मुझे यहां मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की 1 लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ों रूपये ट्रांसफर करने का सौभाग्य मिला.
पीएम ने आगे कहा कि यूपी सरकार ने बैंक सखियों के ऊपर 75 हजार करोड़ रुपये के लेनदेन की जिम्मेदारी सौंपी हैं. 75 हजार करोड़ रुपये का कारोबार गांवों में रहने वाली मेरी बहनें-बेटियां कर रही हैं. यूपी की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है- अब वो पहले की सरकारों वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी. डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है. बेटियां कोख में ही न मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया. आज परिणाम ये है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है.
सरकार की योजनाओं से मिला महिलाओं को फायदा
पीएम ने आगे कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों शौचालय बनने से, उज्जवला योजना के तहत गरीब से गरीब बहनों को गैस कनेक्शन की सुविधा मिलने से, घर में ही नल से जल आने से, बहनों के जीवन में सुविधा भी आ रही है और उनकी गरिमा में भी बढ़ी है.
दशकों तक ऐसी व्यवस्था रही कि घर और घर की संपत्ति को केवल पुरुषों का ही अधिकार समझा जाने लगा. घर है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम. खेत है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम. नौकरी, दुकान पर किसका हक? पुरुषों का. आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिए जा रहे हैं, वो महिलाओं के ही नाम से बन रहे हैं. बेटियां भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें. इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है. देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है, लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, ये सब देख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 5 साल पहले यूपी की सड़कों पर माफियाराज था! यूपी की सत्ता में गुंडों की हनक हुआ करती थी! इसका सबसे बड़ा भुक्तभोगी कौन था? मेरे यूपी की बहन बेटियां थीं. उन्हें सड़क पर निकलना मुश्किल हुआ करता था. स्कूल, कॉलेज जाना मुश्किल होता था. आज यूपी में सुरक्षा भी है, अधिकार भी हैं. आज यूपी में संभावनाएं भी हैं, व्यापार भी है. मुझे पूरा विश्वास है, जब हमारी माताओं बहनों का आशीर्वाद है, इस नई यूपी को कोई वापस अंधेरे में नहीं धकेल सकता.
क्या हैं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की खासियतें
यह परियोजना काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट तक सुगम मार्ग के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करेगी. परियोजना क्षेत्र 5 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है, जबकि पहले का परिसर सिर्फ 3000 वर्ग फुट तक सीमित था. 23 नए भवनों के निर्माण से तीर्थयात्रियों और भक्तों को अनेक सुविधाएं प्राप्त होंगी. 300 से अधिक संपत्तियों का सौहार्दपूर्ण अधिग्रहण और परियोजना को मुकदमेबाजी से मुक्त बनाने के पीछे प्रधानमंत्री का सबको साथ लेकर चलने का दृष्टिकोण. 40 से अधिक प्राचीन मंदिरों को फिर से खोजा गया, उनका जीर्णोद्धार किया गया और उनका सौंदर्यीकरण किया गया.
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