उत्तर प्रदेश

प्रदेश में सूखे या अतिवृष्टि से फसल बर्बाद होने पर सहायता के लिए समयावधि तय की गई

Admin Delhi 1
19 Oct 2022 1:16 PM GMT
प्रदेश में सूखे या अतिवृष्टि से फसल बर्बाद होने पर सहायता के लिए समयावधि तय की गई
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लखनऊ न्यूज़: प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसलें बर्बाद होने पर सहायता के लिए समयावधि तय कर किसानों को बड़ी राहत दी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत यदि फसलों की क्षति दैवी आपदा से होती है तो बीमा कवर प्रदान किया जाता है। इसमें सबसे पहले मध्यावस्था क्षति के तहत बीमित राशि दी जाती है। मध्यावस्था फसल की शुरुआत से लेकर फसल कटाई के 15 दिन पूर्व तक मानी जाती है। इस दौरान प्रतिकूल मौसम की वजह से फसल की अनुमानित उपज की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी की स्थिति में राजस्व व कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा नुकसान की सूचना 3 दिनों के भीतर डीएम को देनी होती है। सूचना मिलने के 7 कार्य दिवस में डीएम या उप कृषि निदेशक कार्यालय से प्रभावित ग्राम पंचायत के संबंध में सूचना लिखित रूप से बीमा कंपनी को उपलब्ध कराएंगे। जिला स्तर पर राजस्व व कृषि विभाग एवं बीमा कंपनियों की गठित टीम आपदा के 15 दिनों में संयुक्त सर्वे कर क्षति का आकलन करेगी। इसके बाद सूचना प्राप्त होने के 30 दिन में ग्राम पंचायत में बीमित किसान को तात्कालिक सहायता के रूप में क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। तात्कालिक सहायता को मौसम के अंत में फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर फसल की आकलित कुल देय क्षतिपूर्ति की राशि में समायोजित किया जाएगा।

स्थानीय आपदाओं में 15 दिन में क्षतिपूर्ति: ओलावृष्टि, जलभराव (फसल धान को छोड़कर), भूस्खलन, बादल फटना, बिजली गिरने से फसलों में लगने वाली आग जैसी स्थानीय आपदाओं से फसलों की क्षति की स्थिति में किसानों को 72 घंटे में व्यक्तिगत दावा कंपनी को प्रस्तुत करना होगा। दावे में किसानों को ग्राम पंचायत, प्रभावित खेत का खसरा नंबर, फसल व प्रभावित क्षेत्र का विवरण देना होगा। सूचना मिलने के 48 घंटे में बीमा कंपनी को सर्वेयर की नियुक्ति करनी होगी। अगले 10 कार्य दिवस में सर्वेयर डीएम या उप कृषि निदेशक द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर नामित राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारी व संबंधित किसान की उपस्थिति में क्षति का आकलन करेगा। इसके बाद बीमा कंपनी 15 कार्य दिवस के अंदर आपदा की स्थिति तक फसल की उत्पादन लागत में हुए व्यय के अनुरूप बीमित किसान को क्षतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित करेगी। फसल कटाई के बाद 14 दिनों तक खेत में सूखने के लिए रखी फसल को ओलावृष्टि, चक्रवात, बेमौसम या चक्रवाती वर्षा से क्षति पर भी बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। बीमित किसानों के खाते में डीबीटी से क्षतिपूर्ति भेजी जाएगी।

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