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कानपुर। चकेरी में दरिंदगी का शिकार हुई तीन साल की मासूम जिंदगी की जंग हार गई। वह छह दिन से जिंदगी के लिए मौत से लड़ाई लड़ रही थी। मां और पिता उसके स्वस्थ होने के लिए मंदिरों में माथा टेक रहे थे। मन्नते मांग रहे थे, लेकिन उनकी दुआएं भी काम नहीं आई। दर्द से तड़पते हुए उसकी सांसे थम गई। मां उसके चेहरे को गोद में रखकर बिलख बिलख कर रोते हुए उस हैवान को कोस रही थी कि जिसने उसके साथ इतनी निर्दयता से दरिंदगी की। वह बार-बार बोल रही थी कि कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है। भगवान उसको भी नहीं छोड़ेगा, उसका हाल इससे ज्यादा भयावह होगा।
सनिगंवा चौकी से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर रहने वाला युवक पत्नी व चार बच्चों का पेट भरने के लिए कबाड़ का काम करता है। सोमवार को जब वह काम पर गया था तो उसकी तीन वर्षीय बेटी घर के बाहर खेल रही थी, तभी दोपहर करीब दो बजे साइकिल सवार दस साल का हैवान बच्ची के पास पहुंचा और उसे साइकिल से घुमाने का झांसा देकर अपने साथ ले गया।
घर के पास घूमाने के बाद वह बच्ची को लेकर घर से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित चंदन नगर और कांशीराम के बीच एक खाली प्लाट में ले गया। वहां पर उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया, लेकिन जब वह सफल नहीं हो पाया तो उसने सरिया जैसे की वस्तु से उसके निजी अंग को छलनी कर दिया। बच्ची दर्द से कराह रही थी, लेकिन उसको दया नहीं आई। दर्द से बेहोश होने तक वो हैवानियत करता रहा। बेहोश होने के बाद हैवान बच्ची को घसीटते हुए सूखे गटर तक ले गया और फेंककर भाग गया। वहां पर बच्ची घंटो गटर पर पड़ी रही।परिजन और पुलिस उसको तलाशते हुए हैवान तक पहुंच गई। जब तो वह सबको गुमराह करता रहा है, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की तो उसने बच्ची के बारे में बताया। पुलिस और परिजन बच्ची को बरामद कर उसका चेहरा खून से लथपथ था। उसके निजी अंग से भी खून का रिसाव हो रहा था। रंगड़ से उसके हाथ और पैर छिल गए थे। उसको भयावह हाल देखा तो सबकी रूह कांप गई। बच्ची को आनन फानन में हैलट ले गए। जहां पर वह जिंदगी के लिए मौत से लड़ रही थी।
बच्ची के साथ इतनी हैवानियत हुई थी कि उसकी पेट की आंत फट गई थी। उसके शरीर एक दर्जन से ज्यादा चोट के निशान थे। वह पांच दिन अस्पताल में भर्ती रही, लेकिन उसको एक पल भी आराम नहीं मिला। वह या तो बेहोश रहती थी या फिर दर्द से कराहती रही थी। परिजन बच्ची को पहले कांशीराम संयुक्त जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। सुधार न होने पर बच्ची को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग रेफर कर दिया। यहां चौथे दिन डॉक्टरों ने बच्ची की आंत का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद से बच्ची को होश नहीं आया और छठवें दिन उसने दम तोड़ दिया।
बच्ची की मौत से उसकी मां बेसुध हो गई है। परिजन उसको ढांढ़स बंधा रहे है, लेकिन उसके आंसू नहीं रुक रहे है। मां और पिता बेटी को छह दिन से तड़पते हुए देख रहे थे। उसके पूरे चेहरे जख्मों पर ड्रेसिंग होने की वजह से सिर्फ आंख और होंठ दिखते थे। जब वह होश में आती तो दर्द के मारे कराहती रही और आंखों आंसू बहते रहते थे। जिसे देख उनका कलेजा फट जाता, वे बेटी मरते हुए देख रहे थे। पिता का कहना है कि दर्द उसको हो रहा था और तड़प हम लोग रहे थे। उसके साथ हम लोग भी मर रहे थे हर दिन। उसकी मौत से गहरा आघात हुआ है।
परिजन जब बच्ची को ढूंढते हुए दस साल के हैवान के पास पहुंचे तो इलाकाई लोगों ने उसकी करतूत के बारे में बताया। इलाकाई लोगों ने बताया कि आरोपी बालक सनिगवां क्षेत्र में घुमने वाले तीन कुत्ते और चार पिल्लों को ब्लेड व अन्य धारदार हथियार से काटकर मौत के घाट उतार चुका है। कुछ दिनों पहले उसने एक बुजुर्ग के साथ् भी मारपीट की थी। वही, क्षेत्र के बच्चों के साथ उसकी कई बार मारपीट हो चुकी है। उसका स्वभाव काफी गुस्सैल किस्म का है। बच्ची की मौसी ने उसके सिर पर कील ठोकने का आरोप लगाया है। बच्ची के सिर पर ठुड्डी में चोट का निशान है। परिजनों का आरोप है कि उसे हैवान ने कील ठोके
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