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गाजियाबाद: जीडीए की हुई बोर्ड बैठक में वेव सिटी की संशोधित डीपीआर को मंजूरी मिल गई है. इससे करीब तीन हजार खरीदारों को छह महीने में अपना घर मिल सकेगा. वहीं, प्राधिकरण ने व्यावसायिक भूखंडों का प्रति वर्ग मीटर 8,700 रिजर्व प्राइस बढ़ा दिया है, जिससे इन भूखंडों की कीमत बढ़ जाएगी. इसके अलावा टेंडर में दो नई शर्तों को जोड़ा गया है.
जीडीए बोर्ड अध्यक्ष और मेरठ मंडलायुक्त सेलवा कुमारी जे. की अध्यक्षता में मेरठ मंडलायुक्त के कार्यालय सभागार में जीडीए की 4वीं बोर्ड बैठक हुई. इसमें सभी प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई. बोर्ड ने वेव सिटी की संशोधित डीपीआर और लेआउट को स्वीकृति दे दी है. इसका सीधा फायदा तीन हजार घर खरीदारों को होगा. इनकी रजिस्ट्री और पजेशन की प्रक्रिया छह माह में पूरी हो सकेगी. महालेखा परीक्षक (कैग) की 401.30 करोड़ रुपये की ऑडिट आपत्ति के कारण कई बार से बोर्ड में संशोधित डीपीआर स्वीकृत नहीं हो रही थी. पिछले दिनों सरकार की ओर से गठित हाई पॉवर कमेटी ने उत्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्रा. लि. गाजियाबाद (वेव सिटी) परियोजना को लेकर स्थिति साफ कर दी थी. कमेटी ने जीडीए बोर्ड द्वारा की गई आपत्तियों का संज्ञान लेकर घर खरीददारों के हितों का ध्यान रखकर वेव सिटी का संशोधित डीपीआर एवं ले आउट शीघ्र स्वीकृत करने का निर्देश दिया. साथ ही कैग आपत्ति की कीमत की जमीन और बैंक गारंटी को बंधक के रूप में रखकर बोर्ड बैठक से स्वीकृत कराने की बात कही थी. बिल्डर प्रतिनिधि का कहना है कि स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से विकास कार्य रुका हुआ था.