उत्तर प्रदेश

मेडिकल ऑफिसर आस्था हत्याकांड में तीन को उम्रकैद की सजा

Admindelhi1
28 May 2024 3:48 AM GMT
मेडिकल ऑफिसर आस्था हत्याकांड में तीन को उम्रकैद की सजा
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तीनों को उम्रकैद की सजा व डेढ़-डेढ़ लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है

अलीगढ़: एडीजे प्रथम संजीव कुमार सिंह की अदालत ने रमेश विहार इलाके के चर्चित मेडिकल अफसर डा. आस्था अग्रवाल हत्याकांड में पति समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया है. तीनों को उम्रकैद की सजा व डेढ़-डेढ़ लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है. जेठ और नौकर को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया.

अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी अमर सिंह तोमर के अनुसार घटना 12 अक्तूबर 2021 की रात की है. स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात क्वार्सी के रमेश विहार निवासी मेडिकल अफसर डा.आस्था अग्रवाल का शव अक्टूबर की शाम घर में फंदे पर लटका मिला था. आस्था की बहन आकांक्षा गुप्ता द्वारा क्वार्सी थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया गया. जिसमें कहा गया कि उसकी बहन आस्था ने कई बार बातचीत में बताया कि उसके पति अरुण अग्रवाल द्वारा उसके साथ मारपीट की जाती है. उस पर तरह तरह के आरोप लगाए जाते हैं. वादिया के सामने भी कई बार मारपीट की गई. आस्था के देवर अनुज अग्रवाल ने भी कई बार आस्था पर हाथ छोड़ा. जिसकी शिकायत थाने पर की गई. अरुण अग्रवाल चरित्रहीन है. किसी महिला के चक्कर में अरुण व आस्था में विवाद हुआ. अरुण उस महिला से शादी करना चाहता था, जिसके विरोध में मारपीट भी होती थी.

12 अक्टूबर की शाम आस्था के घर के पास रहने वाली वादिया की सहेली मधु शर्मा को आस्था ने एक व्हाट्सएप मैसेज किया, जिसमें आस्था की ओर से लिखा था कि अरुण उसकी हत्या की प्लानिंग कर रहा है. अगर उसे कुछ हो तो उसके बच्चों को दीदी को सौंप देना. यह हत्या अरुण, उसके भाई अनुज, तरुण व मित्र अर्पित अग्रवाल ने मिलकर की है. जिसके आधार पर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया. विवेचना में मिले साक्ष्यों और मृतका के बेटे के बयानों के आधार पर अनुज व अर्पित के नाम मुकदमे से हटाए गए, जबकि अरुण-आस्था के कासिमपुर स्थित ऑक्सीजन प्लांट के नौकर विकास चौहान, दो अन्य भाड़े के आरोपी पवन, अशोक उर्फ टशन सभी निवासी साथा जवां के नाम शामिल किए गए. इस आधार पर अरुण, विकास, पवन, अशोक उर्फ टशन को हत्या में व जेठ तरुण को साजिश में जेल भेजा गया और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए गए. न्यायालय में सत्र परीक्षण के दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर जेठ तरुण व नौकर विकास को संदेह का लाभ देकर बरी किया गया है. वहीं पति अरुण, भाड़े पर लाए गए साथी पवन व अशोक को हत्या व साजिश का दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

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