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उत्तर प्रदेश
आत्महत्या के लिए उकसाने में तीन को पांच साल की कारावास सजा
Kajal Dubey
7 Aug 2022 4:06 PM GMT

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इटावा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम मिलन सिंह ने आत्महत्या के लिए उकसाने में तीन दोषियों को पांच साल की सजा सुनाई है। पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर पांच माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि बसरेहर थाना क्षेत्र के गांव रिटौली निवासी गौरव सूरत में नौकरी करता था। वह भाई के लड़के की शादी में शामिल होने के लिए 15 जुलाई 2013 को अपने गांव आया था। 17 जुलाई 2013 को वह अपने खेतों पर गया था। उसी समय गांव के ही रमेश, रामदास, हरिश्चंद्र पुत्र लाला राम व वीटू उर्फ भोले अपने पशु लेकर आए। उसके खेत के दूसरे छोर पर लगी धान की पौध चराने लगे। विरोध करने पर विवाद हो गया। लोगों ने समझाकर शांत करा दिया। शाम को वह मूंगफली खोदवाने के लिए गांव में मजदूर तलाशने के लिए गया था। इस दौरान रमेश ने उसे अपने घर के सामने पकड़ लिया और उसे घर में खींच ले गए। इसके बाद उसका पता नहीं चला।
18 जुलाई को गौरव का शव इटावा में महेरा चुंगी के पास रेलवे लाइन के किनारे पड़ा मिला। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे और उसकी शिनाख्त की। 19 जुलाई को गौरव के पिता राम प्रकाश ने बसरेहर थाने में रमेश, रामदास, हरिश्चंद्र व वीटू उर्फ भोले के खिलाफ हत्या में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की विवेचना की और विवेचना के बाद हत्या के स्थान पर आत्म हत्या के लिए प्रेरित करने की धाराओं में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर दिए। रमेश की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
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