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मेरठ: सुरेश शर्मा नगर डकैती के दौरान तीन लोगों की हत्या के बहुचर्चित मामले में फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने छैमार गैंग की दो महिलाओं समेत दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. वहीं गैंग से जेवरात खरीदने वाले सर्राफ को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने छैमार गैंग के दोषियों को मृत्यु तक फांसी के फंदे पर लटकाने का आदेश दिया है. उन पर कुल .30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक और एडीजीसी क्राइम दिगंबर पटेल ने बताया कि सुरेश शर्मा नगर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर योगेश मिश्रा, अपनी पत्नी प्रिया और मां पुष्पा देवी के साथ रहते थे. 23 अप्रैल 20 को तीनों के शव कोठी के अंदर पड़े मिले. बेरहमी से सिर और चेहरा कुचलकर उनकी हत्या की गई थी. कोठी से नकदी, जेवरात और कीमती कपड़े समेत तमाम सामान गायब था. योगेश के भाई आयकर विभाग में इंस्पेक्टर रविकांत मिश्रा ने थाना बारादरी में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
विवेचना के दौरान बारादरी पुलिस को जानकारी मिली कि छैमार गैंग की महिलाएं घरों में भीख मांगने के नाम पर रेकी करती हैं. इसी गैंग की महिलाओं ने योगेश मिश्रा की कोठी की रेकी कर अपने साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया. बारादरी पुलिस ने छह मई 20 को बिथरी में उमरिया डेरे से वाजिद, नाजिमा और हाशिमा को गिरफ्तार कर तिहरे हत्याकांड का खुलासा कर दिया.