उत्तर प्रदेश

चारा नहीं मिलने से गोशाला में तीन गायों की मौत

Rani Sahu
26 Aug 2022 4:16 PM GMT
चारा नहीं मिलने से गोशाला में तीन गायों की मौत
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बिलासपुर/रामपुर। ग्राम मुशर्रफगंज में गो रक्षा समिति पंजीकृत द्वारा संचालित गोशाला में हरा चारा नहीं मिलने की वजह से तीन गायों की तड़प-तड़प कर मौत हो गई। इससे पहले भी डेढ़ दर्जन गायों की जान जा चुकी है। गो रक्षा समिति गोशाला में 60 गो वंशो को भरपेट चारा नहीं उपलब्ध करा पा रही है। गोशाला में गो वंशों की देखरेख के लिए पर्याप्त केयर टेकर भी नहीं है। 60 गोवंशो के लिए दान से तीन क्विंटल चारा मिलता है जोकि, अपर्याप्त है। ग्रामीणों का आरोप है कि अफसरों से चारे की समस्या की शिकायत करने के बाद भी किसी ने संज्ञान नहीं लिया है, जबकि गायों की मौतें हो रही हैं।
क्षेत्र के मुशर्रफगंज में गोरक्षा समिति के नाम से चल रही एक गोशाला में शुक्रवार को तीन गाय भूख-प्यास से तड़प-तड़पकर मर गईं। चारा नहीं मिल पाने के कारण से इस गोशाला में अब तक डेढ़ दर्जन गाय अपनी जान गवां चुकी हैं। मरने वाली गायों को एक गड्ढे में फेंक दिया गया। जिनकी दुर्गन्ध गांव के चारों ओर फैल रही है। चारे की शिकायत मिलने के बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को लेकर संज्ञान नहीं लिया।
सूबे में मुख्यमंत्री द्वारा गायों की सुरक्षा के लिए बनवाई गई गोशालाओं में गायों की देखभाल व व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में उनके ही कुछ अधिकारी उनके इस संकल्प को पलीता लगा रहे हैं। लावारिस गोवंशीय पशुओं को संरक्षण देने के बजाए अधिकारी उन्हें इधर-उधर भटकने के लिए छोड़ देते हैं। मुशर्रफगंज में शासन से रजिस्टर्ड गो रक्षा समिति के नाम से एक बहुत बड़ी गोशाला बनी हुई है। जिसमें लावारिस गोवंशीय पशुओं को रखा जाता है।
यह गौशाला केवल भगवान भरोसे चल रही है। शुक्रवार को गांव के ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना देते हुए बताया कि गौशाला में पशुओं के चारे की व्यवस्था नहीं है। मात्र तीन कुंतल चारे पर गो वंशीय पाले जा रहे हैं। उन्हें पर्याप्त चारा और पानी तक नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गायों के भूखों मरने की सूचना देने के बाद भी अफसरों ने मामले को संज्ञान नहीं लिया है।
डीएम और एसडीएम सभी से शिकायत कर चुके ग्रामीण
पिछले एक सप्ताह से भूख-प्यास से प्रतिदिन दो से तीन गाय अपनी जान गंवा रही हैं। इसकी शिकायत डीएम-एसडीएम से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारियों से की जा चुकी है। लेकिन उनकी इस शिकायत पर किसी ने गांव आकर तक नहीं देखा। गोशाला में गायों को खिलाने के लिए चारा और देखभाल को केयर टेकर तक नहीं है। गायों के मरने के बाद गोशाला चलाने वाले उन्हे एक बड़े गड्ढे में फेंक कर चले जाते हैं। गोवंश काफी समय से गड्ढे में पड़े सड़ रहे हैं।
उनकी दुर्गंध से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें दफनाने वाला तक कोई नहीं तथा अधिकारियों में भी इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। ग्रामीणों की इस शिकायत से प्रशासन में हड़कंप मच गया। ब्लाक और तहसील में बैठे अधिकारी आनन फानन में मौके पर जा पहुंचे। यहां उन्होंने इस कांड को छिपाने का खेल शुरू कर दिया सबसे पहले वहां चारा मंगवाकर डाल दिया। ताकि फोटो खिंचवाने में आसानी हो सके।
इसके बाद उन्होंने इस मामले को एक दूसरे के उपर मढ़ना शुरू कर दिया। मामले को लेकर एसडीएम मयंक गोस्वामी का कहना है कि तीनों मृत गायों को गड्ढा खुदवाकर दफन करवा दिया गया है। इसके अलावा अन्य गाय कैसे मरी इसकी जांच करवाई जाएगी। इसके अलावा गौशाला की व्यवस्था दुरुस्त रखने को लेकर संचालक को निर्देश दिए गए हैं।
मुशर्रफगंज में सुभाष नामक व्यक्ति की निजी गोशाला है। गोशाला में लगभग 60 गो वंश हैं लेकिन, उनके खाने के लिए पर्याप्त हरा चारा नहीं मिल रहा है। जिसके कारण गायों की मौत हुई है। शुक्रवार को एसडीएम और तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे और गोशाला संचालक से चारा लाने वाला वाहन दुरुस्त कराए। इसके अलावा संचालक को चारागाह के लिए एक एकड़ भूमि दी गई है। गोशाला क्षेत्रीय लोगों के दान पुण्य पर चल रही है। पशुओं के लिए पर्याप्त हरा चारा नहीं मिलने के कारण शुक्रवार को तीन गायों की मृत्यु हुई है—-डा. सरविंदु शाह, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।
Rani Sahu

Rani Sahu

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