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उत्तर प्रदेश
बंशराज द्विवेदी के तीन बच्चे पहले से ही भिन्न-भिन्न जगहों पर सेवाएं दे रहे
Shantanu Roy
11 Dec 2022 11:04 AM GMT
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बड़ी खबर
प्रतापगढ़। जनपद सुलतानपुर के गाँव बरवारीपुर निवासी निर्भय द्विवेदी का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सहायक चकबंदी अधिकारी के पद पर हुआ । निर्भय द्विवेदी के पिता बंशराज द्विवेदी द लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में चीफ लाइफ इंश्योरेंस एडवाइजर तथा माताजी शान्ती द्विवेदी घर की संचालिका है। निर्भय ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता , गुरुजनों तथा बड़े भाई निश्चय द्विवेदी को दिया है। बंशराज द्विवेदी के तीन बच्चे पहले से ही भिन्न-भिन्न जगहों पर सेवाएँ दे रहे हैं। निर्भय, पांच भाइयों में चौथे नंबर पर हैं ।इनके सबसे बड़े भाई रवि शंकर द्विवेदी जिनका चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2017 में जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर हुआ है और वर्तमान में प्रतापगढ़ जिले के डीपीआरओ है निर्भय के भाई निखिल द्विवेदी जिनका चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2019 में वन क्षेत्राधिकारी के पद पर हुआ था और अभी उनकी हिमाचल प्रदेश फॉरेस्ट अकैडमी में ट्रेनिंग चल रही है निर्भय के सबसे छोटे भाई शिवम द्विवेदी जिनका चयन इसी वर्ष संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा मे आल इंडिया रैंक 35 के साथ प्रवर्तन अधिकारी के पद पर हुआ है।
*चार बच्चों ने नाम रोशन किया* : सुलतानपुर जिले के कादीपुर तहसील के बरवारीपुर निवासी बंशराज द्विवेदी के सभी बच्चे शुरू से ही मेधावी थे। इन चारों की प्रारंभिक शिक्षा कादीपुर के सरस्वती शिशु मंदिर एवं सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज कादीपुर सुलतानपुर में हुई है। रवि जहाँ कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान से कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलजी में ग्रैजूएट हैं। वहीं निखिल ने नेशनल इंस्टीट्यूट ओफ़ टेक्नॉलजी त्रिचिरापल्ली तमिलनाड़ु से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी॰टेक किया है। शिवम दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ ग्रैजूएट तो निर्भय ने सोसियोलोजी में मास्टर्स किया है। इन बच्चों के पिता बंशराज द्विवेदी ने बच्चों की सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम एवं माँ सरस्वती के आशीर्वाद को देते हैं। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज कादीपुर सुलतानपुर के पूर्व प्रधानाचार्य बाँके बिहारी पाण्डेय का कहना है कि चारों बच्चे बचपन से ही मेधावी थे, इनकी प्रतिभा को निखारने में वह खुद क़ो भी गौरवान्वित एवं सम्मानित महसूस करते हैं। चारों भाई अपनी सफलता में गुरुजनों के साथ ही पिता बंश राज द्विवेदी, माँ शांती द्विवेदी ,बहन प्रियंका काे श्रेय देते हैं। फिलहाल एक ही परिवार से चार भाइयों की सफलता से परिवार की ख्याति बढ़ी है और इलाके एवम् गाँव के लोग भी गर्व करते हैं॥
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