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लखीमपुर-खीरी। जिला सहकारी बैंक शाखा मंडी समिति में हुई 32 लाख की चोरी के मामले में हफ्ते भर पुलिस ने खुलासा किया था। पुलिस ने महाराष्ट्र का एक और प्रतापगढ़ के दो बदमाशों को गिरफ्तार कर चालान भेजा था। पुलिस का दावा था कि घटना में दो टीमें शामिल थीं। पुलिस आरोपियों का लोकल कनेक्शन भी होने का दावा कर रही थी, लेकिन पुलिस अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है और लोकल कनेक्शन खोजने में पुलिस की दिलचस्पी शून्य है। हफ्ते भर से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन खुलासे के बाद अभी तक पुलिस की जांच एक कदम आगे नहीं बढ़ सकी है।
14 जनवरी 23 की रात मंडी समिति राजापुर में स्थित जिला सहकारी बैंक शाखा का लॉकर्स काटकर चोर 32 लाख पांच हजार 30 रुपये चोरी कर ले गए थे। इससे बैंक कर्मचारियों और पुलिस में हड़कंप मच गया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की थी।
सीओ सिटी संदीप सिंह के नेतृत्व में जांच कर रहीं टीमों ने इस मामले में 24 जनवरी को महाराष्ट्र के मोरशी अमरावती रूलर निवासी सुरेश उमक उर्फ सागर देशमुख, प्रतापगढ़ जिले के गांव देवकली करनपुर निवासी तुषार कुमार और हरिप्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। खुलासे के दौरान एसपी गणेश प्नेरसाद साहा ने दावा किया था कि अक्टूबर 2022 में सुरेश उमक ने अपनी दूसरी टीम को भेजकर बैंक शाखा की रैकी करवाई थी। इस रैकी में स्थानीय अपराधियों के शामिल होने का भी दावा किया था। उन्होंने रैकी करने वाली टीम में शामिल बदमाशों की गिरफ्तारी और स्थानीय अपराधियों को चिन्हित कर जल्द ही गिरफ्तार करने का भी दावा किया था। खुलासे के बाद पुलिस ने मामले से पल्ला झाड़ लिया है। उसकी जांच ठंडे बस्ते में चली गई है।
शायद यही वजह है कि घटना का खुलासा हुए करीब 12 दिन बीत गए हैं। इसके बाद भी पुलिस की जांच एक कदम आगे नहीं बढ़ सकी है। पुलिस ने यह तक जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर रैकी करने वाली टीम में कौन-कौन लोग शामिल थे और कहां के रहने वाले थे। वह लखीमपुर आकर किस जगह पर ठहरे और किसके संपर्क में रहे थे। इसका अभी तक पता नहीं लगा सकी है। शहर की राजापुर मंडी की परिसर में स्थित जिला सहकारी बैंक शाखा की खिड़की उखाड़कर चोर बैंक परिसर में घुस गए थे। चोरों ने बिजली काट कर गैस कटर से लाकर्स का ताला काट दिया था और लाकर्स में रखे 32 लाख पांच हजार तीस रुपये चोरी कर ले गए थे। पुलिस ने बैंक शाखा प्रबंधक शाखा प्रबंधक दिनेश कुमार मिश्रा ने सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि 13 जनवरी को जब बैंक बंद हुई थी। उस वक्त लाकर्स में 32 लाख पांच हजार 555 रुपये थे। 14 जनवरी और 15 जनवरी को अवकाश था। चोरी की घटना की जानकारी 16 जनवरी को तब हुई थी जब बैंक खुली। टीमें अभी जांच में लगी हैं। वह घटना में शामिल अन्य अपराधियों की पहचान करने की कोशिश में जुटी हैं। सर्विलांस सेल की भी मदद ली जा रही है। सभी आरोपी जल्द ही गिरफ्तार कर लिए जाएंगे
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