उत्तर प्रदेश

इस बार रंगोत्सव पर कैदियों द्वारा तैयार हर्बल गुलाल उड़ेगा

Admin Delhi 1
24 Feb 2023 12:30 PM GMT
इस बार रंगोत्सव पर कैदियों द्वारा तैयार हर्बल गुलाल उड़ेगा
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लखनऊ: विश्व प्रसिद्ध ब्रज के रंगोत्सव पर इस बारकैदियों द्वारा तैयार हर्बल गुलाल उड़ेगा। मथुरा के जिला कारागार में बंद 6 कैदियों द्वारा होली के लिए हर्बल गुलाल तैयार किया है। जो ईको फ्रेंडली के साथ- साथ आपकी त्वचा के लिए भीअनुकूल है। वहीं योगी सरकार की इस पहल से जेल में निरुद्ध कैदी भी आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर मेंबने कारागारों को कौशल विकास मिशन के माध्यम से कैदियों को स्वावलंबी बनाया जा रहाहै। मथुरा की जिला कारागार में जेल प्रशासन कौशल विकास मिशन के तहत कैदियों कोविभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिलाकर आत्मनिर्भर बनाने में जुटा हुआ है।

ब्रज कीहोली को और खास बनाने के लिए मथुरा जेल में बंद 6 कैदी खास गुलाल तैयार करने में जुटे हैं। जेल में अरारोट में सब्जियों को मिलाकर हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है। हर्बल गुलालबनाने के लिए अरारोट में पालक को पीसकर उसमें से हरा रंग निकाल कर इसे तैयार किया जा रहा है।

इसी तरह मेथी को पीसकर हल्का हरा रंग, चुकंदर को पीसकर लाल रंग, हल्दी पाउडर का प्रयोग करपीला गुलाल तैयार किया जा रहा है। इसमें खुशबू बनी रहे इसके लिए इत्र मिलाया जारहा है।यहां उड़ताहै हजारों कुंतल गुलालमथुरा जेलअधीक्षक ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि होली का त्योहार आते ही हर साल जेल में कई कुंतल गुलाल तैयार किया जाताहै।

जेल में बंद कैदी सोनू, सनी, रिंकू, अशरफ, विजय, हरेंद्रसिंह कई दिनों से हर्बल गुलाल तैयार करने में लगे हुए हैं। ब्रज में होली 40 दिनों तक खेली जाती है। यहां होलीकी शुरुआत बसंत पंचमी से हो जाती है। बसंत पंचमी से रंग गुलाल उड़ना शुरू होता है।27 फरवरी को लड्डू मार और 28 फरवरी कोबरसाने में लट्ठमार होली मनाई जाएगी। एक अनुमान केमुताबिक, होली पर ब्रज में हर साल हजारों कुंतल गुलाल उड़ायाजाता है।

आत्मनिर्भर हो रहे बंदीजिला जेलमें बन रहा गुलाल आम लोगों तक पहुंचाने के लिए भी जेल प्रशासन ने इंतजाम किए हैं।जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में कैदियों के बनाएजा रहे गुलाल पर करीब 180 रुपए प्रतिकिलो की लागत आ रही है। इस गुलाल को 200 रुपए किलो के हिसाब से बिक्री किया जाएगा।गुलाल के 100-100 ग्राम के पैकेट जेल के मुख्य द्वार परबिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे।

इससे कारागार में बंदकैदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जिससे वह जब भीजेल से रिहा हों, तो समाज के बीच रहकर अच्छा व्यवहार करसकें। साथ ही अपने और अपने परिवार का पालन- पोषण अच्छेसे कर सकें। ऐसा पहलीबार नहीं है, जब उत्तर प्रदेश की जेलों मेंबंद कैदी इस तरह की क्रिएटिविटी दिखा रहे हैं।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान की पोशाक बनाते हैं तो, रक्षा बंधन पर इको फ्रेंडली राखी बनाते है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे कौशल विकास मिशन कार्यक्रम के तहत कैदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। बता दें कि वर्तमान में मथुरा जिला कारागार में करीब 1700 कैदीबंद हैं।

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